एलओसी पर गरजे तोपखाने, दो पाक सैनिक ढेर, एक चौकी भी तबाह
श्रीनगर। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एलओसी पर गरजे तोपखानों के कारण हजारों सीमावासी दहशत के माहौल में हैं। दरअसल टंगधार में भारतीय सेना को संघर्ष विराम के उल्लंघन का करारा जवाब देने की खातिर अपनी तोपों का मुंह खोलना पड़ा है। जवाबी कार्रवाई में पाक सेना के दो जवान मारे गए हैं और एक सीमा चौकी को तबाह कर दिया गया है। सेना ने इसके बाद एलओसी पर हाई अलर्ट जारी किया है क्योंकि बिफरी हुई पाक सेना द्वारा और हमले करने की शंका है।
सेना ने खुद माना है कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान की एक अग्रिम निगरानी चौकी को तबाह कर दिया है। सेना की इस कार्रवाई में पाकिस्तान के दो सैनिक मारे गए हैं। टंगधार सेक्टर में अग्रिम इलाकों में रहने वाले लोगों को पूरी तरह सचेत रहने, खेतों में अनावश्यक रूप से जाने से बचने की सलाह देते हुए सैन्य प्रशासन ने सभी फील्ड कमांडरों को दुश्मन का मुंहतोड़ जवाब देने को कहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, पाक सैनिकों ने मंगलवार सुबह सवा सात बजे के करीब टंगधार सेक्टर में एलओसी के साथ सटी भारतीय सेना की अनिल, चेतक और ब्लैक रॉक चौकियों व उनके दायरे में आने वाली अग्रिम नागरिक बस्तियों को निशाना बनाते हुए हल्के और मध्यम दर्जे के हथियारों से फायरिंग की।
सैन्याधिकारियों ने बताया कि शुरू के पंद्रह मिनट तक भारतीय जवानों ने इसे महज उकसावे की कार्रवाई मानकर संयम बरता। लेकिन जब सरहद पार से गोलाबारी की तीव्रता बढ़ने लगी और जब नागरिक बस्तियों पर गोले गिरने लगे तो भारतीय जवानों ने भी जवाबी प्रहार शुरू कर दिया।
आठ बजे से नौ बजे तक दोनों तरफ से एक-दूसरे के ठिकानों पर भीषण गोलाबारी हुई। इस दौरान पाक सेना की एक अग्रिम निगरानी चौकी जिसे संतरी पोस्ट कहा जाता है, तबाह हो गई।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने जवाबी कार्रवाई में पाक सेना की एक निगरानी चौकी और दो पाक सैनिकों के मारे जाने की पुष्टी करते हुए बताया कि इसके बाद ही पाक सेना की तरफ से गोलाबारी में कमी आई। फिलहाल, दोनों तरफ से एक-दूसरे के ठिकानों पर रुक-रुक कर गोलाबारी जारी है।
पाकिस्तानी सेना की गोलाबारी में टंगधार सेक्टर मे भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है। लेकिन एहतियात के तौर पर टंगधार सेक्टर में सभी अग्रिम इलाकों में रहने वाले लोगों को पूरी सतर्कता बरतने और अनावश्यक रूप से चरागाहों और खेतों में जाने से बचने को कहा है। इसके अलावा सभी फील्ड कमांडरों को दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए कहा गया है।