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Last Modified: गुरुवार, 28 अप्रैल 2022 (22:41 IST)

Monsoon : कब मिलेगी तपन से राहत? IMD ने लू को लेकर दी बड़ी चेतावनी

Monsoon : कब मिलेगी तपन से राहत? IMD ने लू को लेकर दी बड़ी चेतावनी - IMD gave a big warning about heat wave
नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने देश के बड़े हिस्से में जारी लू के प्रकोप में अगले 5 दिनों में और वृद्धि का अनुमान व्यक्त करते हुए राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की बात कही है।

गुरुवार को जारी आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले पांच दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में और अगले तीन दिनों के दौरान पूर्वी भारत में लू का प्रकोप बना रहेगा। विभाग ने कहा, अगले दो दिनों के दौरान उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में लगभग दो डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की आशंका है और उसके बाद कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होगा।

राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के लिए अगले चार दिनों तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम की चेतावनी के लिए आईएमडी चार रंग के संकेतकों का उपयोग करता है- हरा (कोई कार्रवाई आवश्यक नहीं), पीला (देखें और जानकारी लेते रहें), नारंगी (तैयार रहें), और लाल (कार्रवाई करें)।

झारखंड, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और मध्य प्रदेश में बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 3.1 डिग्री सेल्सियस से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में पारा 45.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।

मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में पारा 47 डिग्री सेल्सियस के पार तक पहुंच सकता है। स्वतंत्र मौसम विज्ञानी नवदीप दहिया ने कहा, चुरू, बाड़मेर, बीकानेर और श्री गंगानगर जैसे स्थानों पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस सामान्य है, लेकिन उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अप्रैल के अंत तक 45-46 डिग्री सेल्सियस काफी असामान्य है।

आईएमडी ने कहा कि लू प्रभावित क्षेत्रों में संवेदनशील लोगों- शिशुओं, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों से ग्रस्त लोगों के लिए ‘मध्यम’ स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को जन्म दे सकती है। उसने कहा, इसलिए इन क्षेत्रों के लोगों को गर्मी के संपर्क से बचना चाहिए, हल्के रंग के सूती कपड़े पहनने चाहिए और टोपी, छतरी आदि से सिर का बचाव करना चाहिए।

आईएमडी के एक परामर्श में कहा गया, उन लोगों में गर्मी की बीमारी के लक्षणों की संभावना बढ़ जाती है जो या तो लंबे समय तक धूप के संपर्क में रहते हैं या मेहनत वाला काम करते हैं।

गौरतलब है कि मैदानी इलाकों में जब तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है तब लू जैसे हालात की घोषणा की जाती है। मौसम विभाग के अनुसार भीषण लू की घोषणा तब की जाती है जब तापमान सामान्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो।

पूर्ण रिकॉर्ड किए गए तापमान के आधार पर लू तब घोषित की जाती है जब कोई क्षेत्र अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज करता है। यदि तापमान 47 डिग्री के निशान को पार कर जाता है तो भीषण लू की घोषणा की जाती है।(भाषा)
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