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Last Updated : गुरुवार, 18 जुलाई 2024 (14:49 IST)

नेता राजनीति नहीं करेगा तो क्या गोलगप्पे बेचेगा, शंकराचार्य पर भड़कीं कंगना रनौत

नेता राजनीति नहीं करेगा तो क्या गोलगप्पे बेचेगा, शंकराचार्य पर भड़कीं कंगना रनौत - If a leader does not do politics, will he sell golgappas, Kangana gets angry at Shankaracharya
BJP MP Kangana Ranaut News: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा पिछले दिनों उद्धव ठाकरे का समर्थन करने पर मंडी से भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत ने शंकराचार्य पर भड़कते हुए कहा कि नेता राजनीति नहीं करेगा तो क्या गोलगप्पे बेचेगा? दरअसल, शंकराचार्य ने उद्धव से मुलाकात के बाद शिवसेना तोड़ने वालों गद्दार और विश्वासघाती कहा था। 
 
प्रभाव का दुरुपयोग : कंगना ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि राजनीति में गठबंधन, संधि और एक पार्टी का विभाजन होना बहुत सामान्य और संवैधानिक बात है। कांग्रेस पार्टी का विभाजन 1907 में और फिर 1971 में हुआ, अगर राजनीति में राजनीतिज्ञ राजनीति नहीं करेगा तो क्या गोलगप्पे बेचेगा? भाजपा सांसद ने कहा कि शंकराचार्य जी ने उनकी शब्दावली और अपने प्रभाव और धार्मिक शिक्षा का दुरुपयोग किया है। ALSO READ: हम मोदी के सबसे बड़े हितैषी, मगर जब यमराज के सामने खड़े होंगे तो क्या कहेंगे...
कंगना ने कहा कि धर्म ये भी कहता है कि अगर राजा ही प्रजा का शोषण करने लगे तो राजद्रोह ही आख़िरी धर्म है।शंकराचार्य जी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर अपमानजनक शब्दावली से ग़द्दार, विश्वासघाती जैसे आरोप लगाते हुए हम सब की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। शंकराचार्य जी इस तरह की छोटी और ओछी बातें करके हिन्दू धर्म की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। ALSO READ: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का सनसनीखेज आरोप, केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब
 
क्या कहा था शंकराचार्य ने : शिवसेना यूबीटी नेता उद्धव ठाकरे से मुलाकात पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था हम सभी सनातन धर्म के अनुयायी हैं। हमारे लिए पाप और पुण्य की परिभाषा है। सबसे बड़ा पाप विश्वासघात है और उद्धव ठाकरे के साथ धोखा हुआ है। मैंने ठाकरे से कहा कि उनके साथ हुए विश्वासघात से हम सभी दुखी हैं। 
 
शंकराचार्य ने कहा कि जब तक वह दोबारा महाराष्ट्र के सीएम नहीं बन जाते, तब तक हमारी पीड़ा कम नहीं होगी। जो व्यक्ति धोखा करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता। जो इसे सहता है, वह हिंदू है। महाराष्ट्र की जनता इससे दुखी है और यह लोकसभा चुनाव में भी दिखाई दिया। यह उन लोगों का भी अपमान है, जो अपना नेता चुनते हैं। बीच में सरकार तोड़ना और जनादेश का अपमान करना गलत है। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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