ऑपरेशन सिंदूर में IAF ने गिराए 5 से अधिक पाकिस्तानी जेट, अब विदेशी रक्षा विशेषज्ञों ने भी की पुष्टि
भारतीय वायुसेना (IAF) प्रमुख का हालिया बयान, जिसमें उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान S-400 वायु रक्षा प्रणाली का उपयोग करते हुए पाकिस्तान के 5 लड़ाकू विमानों को मार गिराने की बात स्वीकारी है। अब इसे लेकर प्रसिद्ध सैन्य विमानन विश्लेषक ने बड़ा खुलासा किया है। यह खुलासा उन महीनों की चुप्पी को तोड़ता है, जिसने इस ऑपरेशन के पीछे की पूरी कहानी को एक रहस्य बना रखा था।
मई में हुए इस ऑपरेशन के बाद सैन्य विमानन विश्लेषकों और खुफिया सूत्रों के बीच यह चर्चा गर्म थी कि भारत ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया है। ऑस्ट्रिया में स्थित प्रसिद्ध सैन्य विमानन विश्लेषक टॉम कूपर ने इस पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि हमारे पास न केवल पाकिस्तानी विमानों के मार गिराए जाने के सबूत थे, बल्कि जमीन पर भी कई और पाकिस्तानी विमानों के नष्ट होने के सबूत थे। लेकिन उस समय भारतीय वायुसेना या भारत सरकार की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई थी। कूपर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रसिद्ध सैन्य विमानन विश्लेषक टॉम कूपर ने बताया कि यह पुष्टि एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इसलिए यह उस बात की एक अच्छी पुष्टि है, जिसे मई में ही एक तथ्य के रूप में मान लिया गया था। कूपर ने इसे भारतीय वायु सेना के लिए एक 'बड़ी उपलब्धि' बताया। उन्होंने कहा कि यह सामरिक, परिचालन और रणनीतिक तीनों स्तरों पर एक बड़ी उपलब्धि थी। रेंज के मामले में, 300 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर ऐसी सफलता हासिल करना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
300 किलोमीटर की रेंज पर सफलता ऐतिहासिक उपलब्धि
IAF प्रमुख ने जिस सफलता की पुष्टि की है, उसे कूपर ने "एक बड़ी उपलब्धि" बताया है। उन्होंने कहा कि यह सामरिक, परिचालन और रणनीतिक तीनों स्तरों पर एक बड़ी उपलब्धि थी। रेंज के मामले में, 300 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर ऐसी सफलता हासिल करना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।
यह केवल एक तकनीकी जीत नहीं है। यह एक शक्तिशाली भू-राजनीतिक संदेश है। S-400 जैसी प्रणालियों के साथ, भारत ने यह साबित कर दिया है कि वह अपनी सीमा के पार एक प्रभावी 'नो-फ्लाइंग जोन' बना सकता है। यह क्षमता न केवल पाकिस्तान बल्कि चीन जैसे देशों के लिए भी एक स्पष्ट चेतावनी है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस समय पर यह खुलासा करने के कई कारण हो सकते हैं। यह भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन है। खासकर ऐसे समय में जब देश अपनी रक्षा क्षमताओं को लगातार मजबूत कर रहा है। यह घरेलू राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण संदेश देता है।
यह खुलासा सत्ता और सूचना के बीच के जटिल संबंधों को भी उजागर करता है। जब तक सरकारें या सेनाएं खुद कुछ नहीं कहतीं, सच अक्सर अटकलों के पीछे छिपा रहता है। IAF प्रमुख का यह बयान उस पर्दे को हटाता है, लेकिन साथ ही कई नए सवाल भी छोड़ जाता है। क्या यह सिर्फ एक बयान था या फिर आने वाले समय में भारत की रक्षा नीति में एक बड़े बदलाव का संकेत? यह देखना दिलचस्प होगा कि यह नया घटनाक्रम क्षेत्र की शक्ति संतुलन को कैसे प्रभावित करता है।
आसिम मुनीर की धमकी पर दिया यह रिएक्शन
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की परमाणु धमकी पर कूपर ने तंज कसते हुए कहा, 'व्हाइट हाउस और इस्लामाबाद के बीच हाल के महीनों की बातचीत 5-6 साल के बच्चों जैसी थी, जैसे वे बहस करें कि किसका बाप ज्यादा ताकतवर है। मैं ऐसी बातों को नजरअंदाज करता हूं, क्योंकि यह पूरी तरह बचकाना है।' कूपर का यह बयान भारत की सैन्य ताकत और पाकिस्तान की धमकियों को हल्के में लेने की अंतरराष्ट्रीय धारणा को दर्शाता है। S-400 की इस कामयाबी ने भारत की रक्षा क्षमता को वैश्विक मंच पर और मजबूत किया है। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma