मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Government releases agenda of Parliaments Special Session starting from 18 September
Written By
Last Updated : शनिवार, 16 सितम्बर 2023 (22:41 IST)

special session of Parliament : संसद के विशेष सत्र का क्या होगा एजेंडा? सरकार ने सभी दलों की बुलाई बैठक

special session of Parliament : संसद के विशेष सत्र का क्या होगा एजेंडा? सरकार ने सभी दलों की बुलाई बैठक - Government releases agenda of Parliaments Special Session starting from 18 September
special session of Parliament : संसद के 5 दिवसीय सत्र में कोई आश्चर्यजनक प्रस्ताव लाए जाने की चर्चाओं के बीच सरकार रविवार को सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें सत्र में होने वाले विधायी एवं अन्य कामकाज के बारे में जानकारी देगी उनके विचार सुनेगी। दरअसल, सोमवार से शुरू हो रहे सत्र को बुलाए जाने के असामान्य समय ने सभी को हैरत में डाल दिया है। 
 
हालांकि सत्र के लिए सूचीबद्ध एजेंडे का एक मुख्य विषय संविधान सभा से शुरू हुई संसद की 75 वर्ष की यात्रा पर एक विशेष चर्चा है। 
 
सरकार ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के प्रावधानों वाले विधेयक को भी सत्र में चर्चा एवं पारित कराने के लिए सूचीबद्ध किया है। यह विधेयक पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था। भाषा
 
सरकार को संसद में कुछ नए कानून या अन्य विषय पेश करने का विशेषाधिकार प्राप्त है जो जरूरी नहीं है कि सूचीबद्ध एजेंडे का हिस्सा हो। 
 
किसी संभावित नए कानून पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन लोकसभा और राज्य विधानसभाओं जैसी निर्वाचित विधायिकाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने वाले विधेयक के बारे में चर्चा चल रही है।
 
सत्र को लेकर लगाए जा रहे कयास के बीच संसद को नए भवन में स्थानांतरित किए जाने की प्रबल संभावना है। इसका उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। 
 
भारत की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजधानी में जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन ने मोदी लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है और इस तथ्य की ओर सत्र में चर्चा सत्ता पक्ष द्वारा प्रमुखता से ध्यान दिलाया जा सकता है।
 
नई वर्दी में दिखाई देंगे कर्मचारी : इस बीच संसद के विभिन्न विभागों के कर्मचारी भी नयी वर्दी में दिखाई पड़ सकते हैं। संसद के कर्मचारियों के एक वर्ग के लिए फूल की आकृति वाले नए ‘ड्रेस कोड’ ने पहले ही एक राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस ने इसे सत्तारूढ़ पार्टी के चुनाव चिह्न कमल के फूल को प्रचारित करने के लिए एक ‘सस्ती’ रणनीति के रूप में करार दिया है।