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Last Updated : बुधवार, 19 जुलाई 2023 (16:33 IST)

जयराम रमेश बोले, संसद चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की, हम चर्चा को तैयार

जयराम रमेश बोले, संसद चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की, हम चर्चा को तैयार - Jairam Ramesh's statement regarding the Parliament session
नई दिल्ली। jairam ramesh: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने संसद के मानसून सत्र (monsoon session) के आरंभ होने से एक दिन पहले बुधवार को कहा कि मणिपुर हिंसा और महंगाई जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्ष कोई समझौता नहीं कर सकता तथा संसद की कार्यवाही सुचारु रूप से चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की है।
 
उन्होंने एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि कांग्रेस दिल्ली से संबंधित केंद्र के अध्यादेश के स्थान पर लाए जाने वाले विधेयक का विरोध करेगी, क्योंकि यह एक चुनी हुई सरकार के संवैधानिक अधिकारों पर अंकुश लगाने वाला है। रमेश ने कहा कि कांग्रेस संसद चलाने के लिए रचनात्मक सहयोग करने के लिए तैयार है, लेकिन केंद्र सरकार को 'माई वे या हाईवे' वाला रवैया छोड़ना होगा।
 
उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में मणिपुर के मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जवाब और गृहमंत्री अमित शाह की जवाबदेही तय करने की मांग भी की जाएगी। रमेश के मुताबिक संसद के मानसून सत्र से पहले 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस' (इंडिया) के बनने के बाद विपक्षी दलों का उत्साह बढ़ा है और नई उमंग पैदा हुई है।
 
कांग्रेस नेता ने संसद सत्र के लिए 'इंडिया' की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 26 पार्टियों के गठबंधन की कल बेंगलुरु में हुई बैठक में काफी लंबी चर्चा हुई कि किन-किन मुद्दों पर हमें ध्यान देना चाहिए। प्राथमिकता मणिपुर है। मणिपुर में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है, बड़ी संख्या में लोग बेघर हुए हैं। गृहमंत्री अमित शाह के दौरे का कोई असर नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह बिलकुल विफल है।
 
रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अब तक अपनी चुप्पी तोड़ी नहीं है... प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए और सांसदों को विश्वास में लेना चाहिए। कांग्रेस नेता के अनुसार 'संघीय ढांचे पर रोजाना हो रहे आक्रमण', बेरोजगारी और कमरतोड़ महंगाई पर भी आगामी सत्र में चर्चा की मांग की जाएगी।
 
यह पूछे जाने पर कि संसद में गतिरोध की स्थिति से बचने के लिए क्या किया जा सकता है तो रमेश ने कहा कि हम रचनात्मक सहयोग देने के लिए हमेशा तैयार हैं। लेकिन संसद चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की है। अगर सरकार कहती है कि 'माई वे या हाईवे', तो कैसे होगा... आम सहमति बनानी पड़ेगी। ताली दोनों हाथ से बजती है। हम रचनात्मक सहयोग करेंगे।
 
दिल्ली से जुड़े केंद्र के अध्यादेश को लेकर रमेश ने कहा कि इससे संबंधित विधेयक का समर्थन करने का तो सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दिल्ली से जुड़े अध्यादेश का विरोध करेगी। यह चुनी हुई सरकार के संवैधानिक अधिकारों और जिम्मेदारियों पर अंकुश लगाने वाला है।
 
रमेश का कहना है कि बालासोर रेल हादसे और मणिपुर हिंसा को लेकर जवाबदेही तय करने तथा रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव और गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग संसद के भीतर की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सत्र में भी हम अडाणी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग जारी रखेंगे और चीन के मामले पर चर्चा की मांग करेंगे।
 
कांग्रेस महासचिव रमेश ने यह भी कहा कि संसद के सत्र के समय सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर रणनीति तय करती है। बेंगलुरु की बैठक के बाद हमारा उत्साह बढ़ा है, एक नई उमंग आई है, एक नया नाम मिला है। हम अब विपक्ष नहीं, 'इंडिया पार्टी' हैं। हम भाजपा के खिलाफ विपक्ष जरूर हैं, लेकिन हम अब इस गठबंधन का हिस्सा हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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