'ट्रेजिडी किंग' दिलीप कुमार सोशल मीडिया पर दे रहे हैं जिंदा होने का सबूत
- सीमान्त सुवीर
बॉलीवुड में 'ट्रेजिडी किंग' का तमगा आज तक 94 बरस के दिलीप कुमार साहब के माथे पर लगा हुआ है। पिछले दिनों सोशल मीडिया में जिस तरह उनकी तबीयत को लेकर मारकाट चली, वैसी कभी किसी अभिनेता के साथ देखने को नहीं मिली। यहां तक कि अब दिलीप कुमार को अपने जिंदा रहने के सबूत पेश करने पड़ रहे हैं...!
जब लीलावती अस्पताल में दिलीप साहब वृद्धावस्था में होने वाली बीमारी से जंग लड़ रहे थे, तब एक के बाद एक वीडियो सामने आए जिसमें किसी ने उन्हें मौत की नींद सुला दिया तो किसी ने यह वीडियो बना डाला कि उनकी अर्थी को अमिताभ बच्चन कांधा दे रहे हैं।
एक नातजुर्बेकार ने हद ही कर दी और उनके पार्थिव शरीर का वीडियो डाल दिया। हालांकि जिन नौसीखियों ने ये गुस्ताखी की उन्हें लानत से लेकर गालियां तक मिलीं और यह सही भी है, क्योंकि अनाड़ी लोगों ने तो जिंदा इंसान को जीते-जी मार डाल था।
सोशल मीडिया पर उनके निधन की खबर से दिलीप साहब इतने आहत हैं कि वे तकरीबन हर दूसरे दिन अपने हस्ताक्षर के साथ एक फोटो ट्विटर पर शेयर करते हैं और दुनिया को बताते हैं कि 'भाई, अभी मैं जिंदा हूं...!'
असल में सोशल मीडिया का पिछले कुछ सालों में कुछ ज्यादा ही दुरुपयोग हो रहा है। समझदार लोग वे होते हैं, जो किसी के निधन के समाचार की जब तक पुष्टि न हो जाए, तब तक नहीं छापते हैं। लेकिन कुछ ऐेसे भी उत्साही हैं, जो आगे रहने की होड़ में बगैर जानकारी लिए तकनीक का दुरुपयोग करते हुए जीवित इंसान की अर्थी निकालने में गुरेज नहीं करते...।
यह सही है कि दिलीप साहब उम्रदराज हैं और 94 बरस की उम्र में बीमारियों से लड़ रहे हैं। उनकी बेगम सायरा बानो भी तन-मन से उनकी सेवा कर रही हैं। उनकी याददाश्त जाती रही है...। वे कई बार फ्लैशबैक में चले जाते हैं और 50 के दशक की बातें करने लगते हैं। बीमारी के दौरान ही जब एक मर्तबा शाहरुख खान ने उन्हें अपने हाथों से खाना खिलाया तो वे पहचान ही नहीं पाए कि ये शाहरुख हैं।
बहरहाल, सोशल मीडिया पर दिलीप साहब की मौत की खबर बनाने वालों और उनके निधन का वीडियो बनाने वालों को अपने गिरेबांन में झांक लेना चाहिए और यह भी सोचना चाहिए कि कहीं कोई व्यक्ति उनके बाप के साथ ऐसा सलूक कर बैठे तो उनके दिल पर क्या गुजरेगी?