भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला, मुक्त आवाजाही व्यवस्था होगी बंद
Decision to erect fence on India-Myanmar border: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने नई दिल्ली में मंगलवार को घोषणा की कि सरकार ने 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ (fence) लगाने का फैसला किया है। यह कदम भारत-म्यांमार सीमा (India-Myanmar border) पर प्रचलित मुक्त आवाजाही व्यवस्था (एफएमआर) को समाप्त कर सकता है।
बिना दस्तावेज 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति : एफएमआर के तहत भारत-म्यांमार सीमा के करीब रहने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति दी जाती है। 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है, जहां एफएमआर लागू है। इसे 2018 में भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति के हिस्से के रूप में लागू किया गया था।
बाड़ लगाने की मेइती समूहों की लगातार मांग रही : सीमा पर बाड़ लगाना इंफाल घाटी के मेइती समूहों की लगातार मांग रही है, जो आरोप लगाते रहे हैं कि आदिवासी उग्रवादी अक्सर खुली सीमा के माध्यम से भारत में प्रवेश करते हैं। मेइती समूहों का यह भी आरोप है कि बिना बाड़ वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा का फायदा उठाकर भारत में मादक पदार्थों की तस्करी की जा रही है।
सरकार सीमाओं को अभेद्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध : शाह ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार सीमाओं को अभेद्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि पूरी 1,643 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का फैसला किया गया है। बेहतर निगरानी के लिए सीमा पर एक गश्ती मार्ग भी बनाया जाएगा।
गृहमंत्री ने कहा कि मणिपुर के मोरेह में सीमा के 10 किलोमीटर लंबे हिस्से में पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हाइब्रिड निगरानी प्रणाली के माध्यम से बाड़ लगाने की दो पायलट परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। मंत्री ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में 1-1 किलोमीटर की दूरी पर बाड़ लगाई जाएगी। इसके अलावा, मणिपुर में लगभग 20 किलोमीटर में बाड़ लगाने के काम को भी मंजूरी दे दी गई है और यह काम जल्द ही शुरू होगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta