Galvan Decoded : भारतीय सैनिकों से संघर्ष में डरकर भाग गया था विंटर ओलिम्पिक का फ्लैग बियरर कर्नल फाबाओ
गलवान संघर्ष के लगभग डेढ़ साल बाद ऑस्ट्रेलियाई अखबार द क्लैक्सन ने लंबी खोज-पड़ताल के बाद बताया है कि कैसे चीन ने धोखेबाजी करते हुए भारतीय सेना के साथ हुई लड़ाई में मारे गए जवानों और अधिकारियों की संख्या को छिपाया है।
लगभग डेढ़ साल की रिसर्च के बाद 'गलवान डिकोडेड' नाम की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने गलवान का सच छिपाने के लिए दो अलग-अलग घटनाओं को आपस में जोड़कर पेश किया।
उल्लेखनीय है कि चीन ने गलवान में मारे गए अपने सैनिकों की सही संख्या कभी नहीं बताई और झड़प में मारे गए कुल 4 सैनिकों को पिछले साल मेडल देने का ऐलान किया था।
द क्लैक्सन की रिपोर्ट के अनुसार 6 जून को भारत और चीनी के बीच समझौता हुआ था कि दोनों सेनाएं बफर जोन से हट जाएंगी। भारतीय सेना के कर्नल संतोष बाबू और उनके सैनिक 15 जून को चीनी अतिक्रमण को हटाने के लिए विवादित इलाके में गए थे।
धोखेबाज चीन : यहां पर PLA के कर्नल क्यूई फाबाओ लगभग 150 सैनिकों के साथ मौजूद थे। उन्होंने पीछे हटने की जगह संघर्ष शुरू कर दिया और चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमले के लिए स्टील पाइप, लाठी और पत्थरों का इस्तेमाल किया।
डरकर भाग निकला चीनी कर्नल : रिपोर्ट के अनुसार इसी दौरान भारतीय सेना के एक सिपाही ने कर्नल फैबाओ के सिर पर हमला कर दिया, जिसके बाद वो घबरा कर युद्धस्थल से भाग गए।
इस भयंकर संघर्ष में चीनी सेना के कई अधिकारी भी मारे गए और अपने अफसरों की लाश देखकर PLA के सैनिक इतने ज्यादा घबरा गए थे कि वे वाटर प्रूफ कपड़े पहने बिना ही बर्फीली नदी में कूद गए। नदी का स्तर बढ़ने और तेज बहाव की वजह से वे बह गए।
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना के कमाडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू बहादुरी से अपने सैनिकों के साथ अंतिम सांस तक लड़े थे और उन्हें इस अदम्य साहस के लिए महावीर चक्र (मरणोपरांत) से सम्मानित किया गया है।