सुप्रीम कोर्ट आज करेगा अयोध्या मामले की आखिरी सुनवाई, मुस्लिम पक्ष को जवाब के लिए मिलेगा 1 घंटे का समय
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ आज बुधवार को अयोध्या मामले में आखिरी सुनवाई करेगी। संविधान पीठ ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षों के लिए करीब 45-45 मिनट का समय रिजर्व रखा है। मुस्लिम पक्ष को जवाब के लिए 1 घंटे का समय दिया जाएगा। उम्मीद की जा रही है कि सुनवाई पूरी होने के एक महीने के भीतर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है।
खबरों के अनुसार हिन्दू पक्ष के वकील सीएस वैद्यनाथन को दलील पूरी करने के लिए 45 मिनट और दिए जाएंगे जबकि मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को दलील के लिए 1 घंटा दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में शाम 5 बजे तक मामले की सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भी शाम 5 बजे तक मामले की सुनवाई की थी। हालांकि सभी पक्षों के वकीलों ने दलील पूरी करने के लिए ज्यादा समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने इससे मना कर दिया। 17 अक्टूबर को मोल्डिंग ऑफ रिलीफ रखा गया है। इस पर भी आज बहस हो सकती है।
हिन्दू पक्ष ने दी थी यह दलील : मंगलवार को मामले की सुनवाई के 39वें दिन हिन्दू पक्ष की ओर से के. परासरण और सीएस वैद्यनाथन ने अपनी दलीलें देते हुए कहा कि इतिहास में जो गलती हुई है, अब वक्त आ गया है कि सुप्रीम कोर्ट उसे सुधारे। मुसलमान किसी भी मस्जिद में नमाज अदा कर सकते हैं। सिर्फ अयोध्या में ही 50-60 मस्जिदें हैं लेकिन हिन्दुओं के लिए वह जगह भगवान राम का जन्मस्थान है और भगवान राम के जन्मस्थान को बदला नहीं जा सकता।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सभी जजों ने हिन्दू पक्ष के वकील से जमकर सवाल किए। सुनवाई के दौरान हिन्दू पक्ष के वकील के. परासरण ने कहा कि मुस्लिमों को साबित करना होगा कि जमीन पर उनका हक है। इस पर जस्टिस नज़ीर ने पूछा कि बिना एडवर्स पजेशन को साबित किए मालिकाना हक को साबित कर सकते हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए परासरण ने कहा कि ड्युअल ऑनरशिप का प्रावधान भारतीय कानून में है इसलिए एडवर्स पजेशन में भी किसी की जमीन पर कोई जबरन इमारत बना ले, तो भी जमीन का मालिकाना हक जमीन वाले का ही रहता है।
परासरण ने कहा कि अभी हमें नहीं बल्कि मुस्लिम पक्ष को मालिकाना हक सिद्ध करने की आवश्यकता है, क्योंकि हमारा दावा तो स्वयंसिद्ध है। निर्मोही अखाड़े के वकील सुशील जैन की ओर से आज भी दलीलें पेश की जाएंगी।
17 नवंबर से पहले आ सकता है फैसला : मामले की सुनवाई कर रही 5 न्यायाधीशों की संविधान पीठ के अध्यक्ष चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। यह पीठ 39 दिनों से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के मुकदमे की सुनवाई कर रही है। माना गया है कि इससे पहले 18 अक्टूबर को दलीलें खत्म करने की समयसीमा तय की गई थी, लेकिन सीजेआई ने मंगलवार को संकेत दिए हैं कि गुरुवार की बजाय वे बुधवार को सुनवाई पूरी करने की कोशिश करेंगे। माना जा रहा है कि 17 नवंबर से पहले पीठ मामले में अपना फैसला दे सकती है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा : मानेंगे कोर्ट का फैसला : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सेक्रेटरी मौलाना उमरैन महफूज रहमानी ने कहा कि अयोध्या मामले में कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह सभी को मंजूर होगा। दारुल कजा को अदालतों का मददगार ईदारा बताया और कहा कि अदालतों से मुकदमों के बोझ को कम करना है। पूरे देश में यह संविधान के अनुसार काम कर रहे हैं। कोर्ट पर पूरा भरोसा है और अयोध्या मामले में निष्पक्षता के साथ फैसला आएगा।