यदि आप मई या जून की छुट्टियों में में घूमने का प्लान बना रहे हैं तो महाराष्ट्र के बहुत ही सुंदर हिल स्टेशन माथेरान जरूर जाएं। गर्मियों में यहां पर घूमना बहुत ही यादगार और शानदार होता है। यह हिल स्टेशन महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में स्थित है। इसे देश के सबसे छोटे हिल स्टेशन परंतु खूबसूरत हिल स्टेशन का दर्जा प्राप्त है।
माथेरान हिल स्टेशन ( Matheran hill station ) :
1. माथेरान में देखने के लिए कई व्यू प्वाइंट, झीलें और पार्क हैं जिनमें मंकी प्वाइंट, लिटिल चॉक, चॉक पॉइण्ट, इको प्वाइंट, मनोरमा प्वाइंट, सनराइज और सनसेट प्वाइंट प्रमुख हैं।
2. यहां झरने और बादलों को देखने का मजा ही कुछ और है। बादलों से घिरे पहाड़ और पहाड़ों से गिरते झरनों को देखकर आप चकित रह जाएंगे। इन अद्भुत नजारों का आनंद अपने आप में ही बहुत रोमांच भरा है।
3. यहां जितने ऊंचे पहाड़ हमें चकित करते हैं उतनी ही नीची घाटियों को देखने से हमारा मन प्रसन्न हो जाता है। पेड़ों के घने आवरण से बीच में पहाड़ी के नीचे की घाटियां, तीव्र ढलानों, पठारों और मैदानों के कई विहंगम दृश्य हमें मोहित करते हैं।
4. माथेरान में चारों ओर छायादार घने पेड़ और हरियाली से लदी समतल पहाड़ियां भी हैं जहां सब तरफ लहरदार पैदल रास्ते मौजूद हैं। यहां पैदल घुमने का भी मजा ही कुछ और है।
5. माथेरान में मोटर वाहन के प्रवेश पर पूरी तरह पाबंदी है। वैसे यहां सवारी के लिए घोड़े, खच्चर, टट्टू, हाथ से खींचने वाले रिक्शे और पालकी उपलब्ध रहते हैं लेकिन आप चाहें तो पैदल घूम कर भी पूरे हिल स्टेशन का मजा ले सकते हैं।
6. माथेरान में एक खुबसूरत झील भी है। कच्ची-पक्की पगडंडियों के जरिए नीचे घाटी की तरफ जाने पर उस झील तक भी पहुंचा जा सकता है जहां से पूरे माथेरान में पानी की सप्लाई होती है।
7. बारिश के महीनों को छोड़कर यहां कभी भी जाया जा सकता है। बारिश के मौसम में घने बादल होते हैं जिसके चलते दूर-दूर तक नजारे कम देखने को मिलते हैं साथ ही यहां कच्ची सड़क होने से फिसलने का खतरा भी बढ़ जाता है।
कैसे पहुंचें : यदि आप मुंबई से माथेरान जाने चाहते हैं तो मुंबई के करीब नेरूल जंक्शन से दो फुट चौड़ी नैरो गेज लाईन पर चलने वाली टॉय-ट्रेन सबसे बेहतर विकल्प हैं जो लगभग 22 किमी का सफर तय करके पर्यटकों को माथेरान बाजार के बीच स्थित रेलवे स्टेशन तक पहुंचाती है। हालांकि यह ट्रेन आराम से ही चलती है लेकिन जितनी भी देर का सफर हो उसका आनंद ही कुछ और है क्योंकि यात्रा में इतने तीखे और घुमावदार मोड़ हैं कि कई बार संपूर्ण ट्रेन या अगला और पिछला कोच एकदम दिखाई देता है। साथ ही रास्ते के प्राकृतिक नजारे भी बहुत रोमांचित करते हैं।
कहां ठहरें : यहां रहने और खाने की कोई परेशानी नहीं है परंतु आप खाने और पीने की व्यवस्था खुद करके ले जाएंगे तो पैदल घुमते वक्त परेशानी नहीं होगी।