क्या सौम्य या कड़क मंगल जैसा कुछ होता है?
Shri Mangal Dev Graha Mandir Amalner: बहुत से ज्योतिष मानते हैं कि मंगल सिर्फ मंगल होता है सौम्य, मध्यम या कड़क मंगल जैसा कुछ नहीं होता। लाल किताब ज्योतिष के अनुसार मंगल बद और मंगल नेक होता है जबकि परंपरागत ज्योतिष के अनुसार सौम्य, मध्यम या कड़क मंगल के बारे में कहा गया है। हालांकि इस संबंध में हम विस्तार से जानकार इसके निकाराकरण का सही स्थान भी जानेंगे।
क्या है मंगल दोष : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बाहरवें भाव में मंगल आकर बैठे हों तो वह व्यक्ति मांगलिक कहलाता है। कर्क राशि में मंगल नीच का और मकर राशि में मंगल उच्च का होता है। मेष, तुला, वृश्चिक और मीन के मंगल का विचार भी किया जाता है।
तीन प्रकार के मंगल :-
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मंगल के तीन प्रकार- ज्योतिष के अनुसार कुंडली में मंगल तीन प्रकार का माना गया है- सौम्य मंगल, मध्यम मंगल और कड़क मंगल।
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सौम्य मंगल- कुंडली में मंगल ग्रह किसी शुभ ग्रह के साथ या उस पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि पड़ रही है तो वह सौम्य मंगल कहलाता है।
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मध्यम मंगल- मंगल यदि शुभ ग्रहों के साथ बैठा और उस पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि है या इसके विपरीत है तो वह मध्यम मंगल कहलाता है।
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कड़क मंगल- मंगल ग्रह के साथ कोई पापी ग्रह विराजमान हो या उस पर उन ग्रहों की दृष्टि हो तो वह कड़क मंगल कहलाता है।
लाल किताब के अनुसार मंगल के 2 प्रकार :
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लाल किताब ज्योतिष के अनुसार नेक मंगल और बद मंगल होता है। यानी अच्छा मंगल और खराब मंगल बस यह दो ही प्रकार के मंगल होते हैं। इसे ही शुभ मंगल और अशुभ मंगल कहते हैं।
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यदि मंगल शुभ भाव, शुभ ग्रह और शुभ ग्रहों की दृष्टि से युक्त हो तो वह नेक मंगल और अशुभ भाव, अशुभ ग्रह और अशुभ ग्रहों की दृष्टि से युक्त हो तो मंगल बद कहलाता है।
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मंगल यदि शुक्र, राहु, केतु या शनि के साथ है या उस पर इनकी दृष्टि है तो भी उसे अशुभ माना जाएगा।
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मंगल नेक के देवता हनुमानजी हैं और मंगल बद के जिन्न या भूत।
Shri Mangal Dev Graha Mandir Amalner
मंगल दोष से मुक्ति के लिए जाएं अमलनेर:-
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उपरोक्त मंगल दोष से मुक्ति के लिए महाराष्ट्र के जलगांव जिले में अमलनेर में स्थित प्राचीन मंगल ग्रह मंदिर में मंगल पूजा और अभिषेक किया जाता है जहां पर प्रति मंगलवार को हजारों की संख्या में भक्तजन आते हैं और मंगल दोष से मुक्ति पाते हैं।
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यदि आपका मंगल सौम्य है तो यहां पर आप सामूहिक अभिषेक करा सकते हैं और यदि आपका मंगल मध्यम है तो आप स्वतंत्र या एकल अभिषेक करा सकते हैं, परंतु यदि आपका मंगल कड़क है तो आप हवनात्मक पूजा और अभिषेक कराएं।
कैसे पहुंचे श्री मंगल देव मंदिर अमलनेर महाराष्ट्र | how to reach shri mangal dev graha mandir amalner maharashtra:
- जलगांव से अमलनेर की दूरी | jalgaon to amalner distance: यहां पहुंचने के लिए आप महाराष्ट्र के जलगांव पहुंचे। अमलनेर जलगांव जिले में ही स्थित एक गांव है। अमलनेर जलगांव से 58.1 किमी दूर है।
- धुले से अमलनेर की दूरी | dhule to amalner distance: आप यहां जाना चाहते हैं तो धुले नामक शहर पहुंचकर भी यहां से सड़क मार्ग से जा सकते हैं। धुले अमलनेर 36.4 किलोमीटर की दूरी पर है।
- अमलनेर से मंगलदेव मंदिर की दूरी | amalner to mangal dev mandir distance: अमलनेर गांव से श्री मंगल ग्रह के लिए मंदिर रास्ता करीब 2.5 किलोमीटर दूर का है। मंदिर तक के लिए कई वाहन उपलब्ध हैं।
पूरा पता है- मंगल ग्रह मंदिर, चौपड़ा रोड़, धनगर गली, अमलनेर, जिला जलगांव, महाराष्ट्र-425401 | Mangal Grah Mandir, Chopra Rd, Dhangar Galli, Amalner, Maharashtra 425401