शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
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यदि है मंगल दोष तो मंगलग्रह मंदिर में किस तरह से होता है अभिषेक?

यदि है मंगल दोष तो मंगलग्रह मंदिर में किस तरह से होता है अभिषेक? - Manglik Dosha Shanti Nivaran
Manglik dosh : किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में है तो यह 'मांगलिक दोष' कहलाता है। कुछ विद्वान इस दोष को तीनों लग्न अर्थात लग्न के अतिरिक्त चंद्र लग्न, सूर्य लग्न और शुक्र से भी देखते हैं। मान्यता अनुसार 'मांगलिक दोष' वाले जातक की पूजा वर अथवा कन्या का विवाह किसी 'मांगलिक दोष' वाले जातक से ही होना आवश्यक है।
 
कहां होगा अभिषेक : महाराष्ट्र के जलगांव के पास अमलनेर में श्री मंगल देवता के स्थान को प्राचीन और जागृत स्थान माना जाता है। यहां पर मंगलवार को मंगल की शांति हेतु अभिषेक और महाभिषेक किया जाता है। जो लोग मांगलिक हैं या जिनका विवाह नहीं हो रहा है उनके लिए यहां पर मंगल की स्वतंत्र यानी विशेष और सामूहिक पूजा होती है। कहते हैं कि यहां पर मंगलवार को आकर की गई मंगल पूजा और अभिषेक से शर्तिया मंगल दोष से मुक्ति मिल जाती है और जातक सुखी वैवाहिक जीवन यापन करता है। यहां पर चार तरह की पूजा और अभिषेक के साथ ही चार तरह की आरती भी होती हैं।
 
भोमयाम अभिषेक : यहां मंगल ग्रह की शांति के लिए प्रतिदिन अभिषेक किया जाता है। मंगलवार को यहां पर अभिषेक कराने के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। यहां सभी की समस्याओं के समाधान के लिए भोमयाम अभिषेक भी किया जाता है। अभिषेक कराने के लिए लिए आपको पहले से ही यहां पर रजिस्ट्रेशन करना होता है।
पंचामृत अभिषेक : हर मंगलवार को मंगलदेव की मूर्ति पर पंचामृत अभिषेक किया जाता है। इसके लिए करीब 2 घंटे लगते हैं। इस अभिषेक के लिए एक ही श्राद्धालु को पूजा का सामान प्राप्त होता है। मंगलवार को पंचामृत अभिषेक की तरह की प्रतिदिन प्रात: 5 बजे के करीब नित्य प्राभात 'श्री मंगलाभिषेक' भी किया जाता है। इसके लिए भी करीब 2 घंटे लगते हैं।
 
स्वतंत्र अभिषेक : इसी के साथ यदि आप स्वतंत्र अभिषेक कराना चाहें तो करा सकते हैं। अभिषेक के साथ हवन कराने चाहें तो वह भी करा सकते हैं। सभी की दक्षिणा अलग अलग देय होती है। मान्यता है कि एक भी अभिषेक कराने से शर्तियां आपका मंगल दोष दूर हो जाता है और मंगलदेव की कृपा से आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आरंभ होने लगता है। यदि आप मांगलिक दोष से पीड़ित हैं या जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं तो एक बार मंगलदेव के शरण में जरूर जाएं, क्योंकि एक मात्र मंगलदेव ही है सभी के मंगलकर्ता।