ज्योतिष शास्त्र में गोचर का बहुत महत्व होता है। नवग्रहों का गोचर जातक के फलित में अहम् भूमिका रखता है। वहीं ग्रह-गोचर के आधार पर कई मुहूर्त व ज्योतिषीय गणनाओं का निर्धारण भी होता है जैसे त्रिबल शुद्धि, साढ़ेसाती व ढैय्या, मकर संक्रांति आदि। ज्योतिष शास्त्रानुसार नवग्रहों में सूर्य को राजा माना गया है। सूर्य का गोचर कई ज्योतिषीय गणनाओं व मुहूर्त का निर्धारण करता है।
सूर्य के गोचर को संक्रान्ति या संक्रांति कहा जाता है। संक्रांति प्रतिमाह आती है क्योंकि सूर्य का गोचर प्रतिमाह होता है। सूर्य के धनु व मीन राशि में गोचर से खरमास (मलमास) का प्रारम्भ होता है। इसी प्रकार जब सूर्य मकर राशि में गोचर करते हैं तब इसे मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण पर्व है। सामान्यत: यह पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि अधिकतर इसी दिन सूर्य का गोचर धनु राशि से मकर राशि में होता है। आंग्ल नववर्ष में मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन नवग्रहों के राजा सूर्य अपनी राशि परिवर्तन कर धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही देशभर में मकर संक्रांति के पर्व का शुभारम्भ हो जाएगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही विगत 1 माह से चला आ रहा खरमास(मलमास) समाप्त हो जाएगा।
मकर संक्रांति का पुण्यकाल-
वर्ष 2023 में मकर संक्रांति का पुण्यकाल 14 जनवरी मध्यरात्रि 2 बजकर 52 मि. से 15 जनवरी 2023 मध्यान्ह 11:11 बजे तक रहेगा।
संक्रांति का वाहन-
वर्ष 2023 में संक्रांति का वाहन-वाराह, उपवाहन-वृषभ रहेगा। इस वर्ष संक्रांति का आगमन हरित वस्त्र व हरित कंचुकी, मुक्ताभूषण (मोती), बकुल पुष्प धारण किए वृद्धावस्था में चन्दन लेपन कर खड्ग आयुध (शस्त्र) लिए तामपात्र में भिक्षान्न भक्षण करते हुए पश्चिमाभिमुख उत्तर दिशा के ओर गमन करते हो रहा है।
पंचांग भेद अनुसार-
वर्ष 2023 में संक्रांति का वाहन-व्याघ, उपवाहन-अश्व रहेगा। संक्रांति का आगमन पीत वस्त्र व पर्ण कंचुकी, कंकणभूषण (कंगन), जातिपुष्प धारण किए कुमार्यावस्था में कुंकुम लेपन कर गदा आयुध (शस्त्र) लिए रजत-पात्र में पायस भक्षण करते हुए पश्चिमाभिमुख उत्तर दिशा के ओर गमन करते हो रहा है।
संक्रांति का फलित-
देशभर में व्यापारी वर्ग को लाभ होगा। पैदावार में वृद्धि होगी। राजनेता व शासक वर्ग को लाभ होगा। पशुधन की हानि होगी। कृषि एवं कृषक वर्ग को हानि होगी। जनमानस व प्रजा को कष्ट होगा। खाद्य पदार्थ मंहगे होंगे। ब्राह्मण वर्ग को कष्ट होगा।
संक्रांति का राशि अनुसार फलित-
शुभ फल-मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर, कुंभ
अशुभ फल-वृषभ, कर्क, वृश्चिक, मीन
स्नान व दान-
मकर संक्रांति के दिन श्रद्धालुगणों को पवित्र नदी में काले तिल का उबटन लगाकर स्नान करना एवं तिल से बनी वस्तुओं, कम्बल एवं वस्त्रादि का दान करना श्रेयस्कर रहेगा।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
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