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Last Updated :मुंबई , बुधवार, 12 फ़रवरी 2025 (14:48 IST)

मुंबई में GBS के कारण मौत का पहला मामला आया सामने, पुणे से लौटने के बाद हुई थी बीमारी

वडाला इलाके का निवासी और एक अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में काम करने वाला मरीज कुछ दिन पहले पहले पुणे गया था, जहां जीबीएस का प्रकोप देखा गया है।

मुंबई में GBS के कारण मौत का पहला मामला आया सामने, पुणे से लौटने के बाद हुई थी बीमारी - First case of death due to GBS reported in Mumbai
GBS reported in Mumbai: मुंबई के एक अस्पताल में 53 वर्षीय व्यक्ति ने गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) के कारण जान गंवा दी, जो इस तंत्रिका विकार (Nervous Disorders) के कारण यहां मौत होने का पहला मामला है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वडाला इलाके का निवासी और एक अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में काम करने वाला मरीज कुछ दिन पहले पहले पुणे गया था, जहां जीबीएस का प्रकोप देखा गया है।
 
अधिकारियों ने कहा कि उसे 23 जनवरी को यहां एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, कई दिन से उसकी हालत गंभीर थी और मंगलवार को उसकी मौत हो गई। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के आयुक्त और प्रशासक भूषण गगरानी ने पुष्टि की कि यह जीबीएस के कारण महानगर में पहली मौत है। अधिकारियों ने पहले कहा था कि मुंबई में जीबीएस का पहला मामला 7 फरवरी को सामने आया था, जब अंधेरी (पूर्व) की निवासी 64 वर्षीय महिला इससे पीड़ित पाई गई थी।ALSO READ: पुणे में क्‍यों खतरनाक हुआ गुइलेन बैरे सिंड्रोम, क्‍या हैं लक्षण और कैसे बचें, पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति की भी ले चुका है जान
 
जीबीएस तंत्रिका संबंधी एक दुर्लभ विकार : जीबीएस तंत्रिका संबंधी एक दुर्लभ विकार है जिसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है जिससे शरीर के हिस्से अचानक सुन्न पड़ जाते हैं। मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और कुछ निगलने या सांस लेने में भी दिक्कत होती है।ALSO READ: पैरों में झंझनाहट से हैं परेशान? रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के हो सकते हैं शिकार
 
मरीज को पैरों में कमजोरी की शिकायत के बाद 23 जनवरी को नायर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बीएमसी की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि उसे सांस लेने में तकलीफ होने और उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में स्थानांतरित करने के बाद वेंटिलेटर पर रखा गया।
 
विज्ञप्ति में कहा गया है कि मरीज के जीबीएस से संक्रमित होने का पता चला था और उसका आवश्यक उपचार किया गया था। विज्ञप्ति में कहा गया है कि अस्पताल में भर्ती होने से 16 दिन पहले, मरीज पुणे गया था, जहां बड़ी संख्या में जीबीएस के मामले सामने आए हैं।ALSO READ: कितनी खतरनाक बीमारी है गिलियन बैरे सिंड्रोम, इलाज के लिए 1 इंजेक्शन की कीमत 20 हजार
 
बीएमसी ने कहा कि मरीज में बुखार और दस्त जैसे लक्षण नहीं दिखे थे। इस बीच बीएमसी ने कहा कि पड़ोसी पालघर जिले की 16 वर्षीय एक लड़की फिलहाल नायर अस्पताल में जीबीएस का इलाज करा रही है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुंबई के सभी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज जीबीएस रोगियों के इलाज के लिए तैयार हैं। बीएमसी ने कहा कि शहर में आवश्यक दवाएं, उपकरण और विशेषज्ञता उपलब्ध है।
 
अधिकारियों ने पहले बताया था कि मुंबई में जीबीएस का पहला मामला 7 फरवरी को सामने आया था, जब अंधेरी (पूर्व) की रहने वाली 64 वर्षीय महिला के इससे संक्रमित होने का पता चला था। पुणे क्षेत्र में जीबीएस के कारण अब तक 7 लोगों की मौत होने की सूचना मिली है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को पुणे क्षेत्र में संदिग्ध और पुष्ट जीबीएस मामलों की संख्या 197 तक पहुंच गई।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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