दुनिया की सबसे अनोखी वैदिक घड़ी लगी उज्जैन में, 30 घंटे का समय दिखाएगी, PM मोदी करेंगे उद्घाटन
World's first Vedic Clock: उज्जैन में दुनिया की पहली वैदिक घड़ी लगाई गई है। यह अपनी तरह की पहली घड़ी होगी जो 30 घंटे का समय दिखाएगी। साथ ही ये मुहूर्त भी दिखाएगी। इस वजह से यह अपने आप में एक अनोखी घड़ी है। बता दें कि घड़ी का 1 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी इसका वर्चुअल तरीके से उद्घाटन करेंगे।
मध्य प्रदेश का उज्जैन शहर बाबा महाकाल मंदिर की वजह से पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। अब यहां के गऊघाट स्थित जीवाजीराव वेधशाला में बहुप्रतीक्षित 'वैदिक घड़ी' (Vedic Clock) लगा दी गई है। 30 घंटे में दिन और रात दर्शाने वाली इस काल गणना की घड़ी से अब मुहूर्त (Muhurat) भी देखे जा सकेंगे।
मोदी करेंगे उद्घाटन: इसका उद्घाटन 1 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव वर्चुअल रूप से करेंगे। ये अपने जैसी दुनिया की पहली वैदिक घड़ी होगी।
उज्जैन के लिए गौरव की बात : 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर की नगरी हमेशा से काल गणना का केंद्र रही हैं। यहां से कर्क रेखा गुजरी है और मंगलग्रह का जन्म स्थान भी इसे ही माना जाता है। यहीं से विक्रम संवत की शुरुआत होने से पूरी दुनिया में विक्रम संवत के नाम से कैलेंडर और मुहूर्त संचालित किए जाते हैं। इसलिए दुनिया की पहली ऐसी वैदिक घड़ी जीवाजीराव वेधशाला में 80 फीट ऊंचे टावर पर लगाई गई है।
80 फिट की उंचाई पर लगी है घड़ी : दुनिया की पहली ऐसी वैदिक घड़ी जीवाजीराव वेधशाला में 80 फीट ऊंचे टावर पर लगाई गई है। इस घड़ी की विशेषता यह है कि ये एक सूर्य उदय से दूसरे सूर्य उदय के बीच 30 घंटे का समय दिखाएगी। इसमें भारतीय स्टेंडर्ड टाइम के अनुसार 60 मिनट नहीं बल्कि 48 मिनट का एक घंटा है। यह वैदिक समय के साथ ही अलग-अलग मुहूर्त भी दिखाएगी।
मोबाईल से भी ऑपरेट : घड़ी के टेक्नीशियन सुशील गुप्ता ने बताया कि हमारा जो पुराना कालगणना का तरीका था, उसी कैलकुलेशन पर ये वैदिक घड़ी बनाई गई है। 30 घंटे की इस वैदिक गणित वाली घड़ी से मुहूर्त भी देख सकेंगे और यह मोबाइल ऐप से भी ऑपरेट हो सकती है। करीब 80 फीट ऊंचे वॉच टावर पर लगाने के लिए करीब 150 फीट ऊंची क्रेन के माध्यम से घड़ी को वॉच टावर पर स्थापित किया गया है। पहले इसकी टेस्टिंग की जाएगी। बता दें कि दुनिया की इस पहली वैदिक घड़ी को लगाने में डॉ. मोहन यादव की अहम भूमिका रही है। उन्होंने उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए ही इसके प्रयास शुरु कर दिए थे।
Edited by Navin Rangiyal