भिंड पुलिस एक्शन में, ऑनलाइन गांजा बेचने के मामले में ‘अमेजन’ के डायरेक्टरों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज
भिंड पुलिस ने गांजे की तस्करी के मामले में अमेजन के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस रजिस्टर किया है। हाल ही में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी चेतावनी दी थी कि अमेजन के अधिकारियों ने सहयोग नहीं किया तो उन पर कार्रवाई होगी।
उन्होंने यह भी कहा था कि ऑनलाइन काम करने वाली ऐसी कंपनियां जो अपने प्लेटफॉर्म से ड्रग या नशीला पदार्थ बेच रही हैं उनके प्रदेश सरकार गाइडलाइन बनाएगी। उन्होंने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए लिखा था—
नशे के कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए ऑनलाइन कंपनी के MD और CEO से अनुरोध है कि नशे के कारोबार को रोकने की मुहिम में की जाने वाली जांच में सहयोग करें, वरना उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि भिंड में अमेजन वेबसाइट के माध्यम से गांजा बेचने का मामला सामने आने के बाद
वेबदुनिया ने प्रमुखता से इस मुद्दे की पड़ताल की थी।
गृहमंत्री के बयान के बाद भिंड पुलिस एक्शन में आ गई है। भिंड जिले के गोहद चौराहा पुलिस ने ड्रग्स की तस्करी के मामले में अमेजन के कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ NDPS एक्ट के तहत केस रजिस्टर किया है। राज्य के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भी कहा था कि अमेजन कंपनी के अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे हैं। अगर ऐसा ही व्यवहार रहा तो उसके एमडी और सीईओ के खिलाफ कार्रवाई होगी।
भिंड जिले की गोहद चौराहा पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20 ख के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने गोहद चौराहा पर रहने वाले पिंटू उर्फ बिजेंद्र तोमर और ग्वालियर निवासी सूरज उर्फ कल्लू पवैया के कब्जे से 21 किलो 734 ग्राम गांजा बरामद किया था।
मामले में ग्वालियर के मुकुल जायसवाल और मेहगांव निवासी चित्रा बाल्मीक को भी पकड़ा गया था। ये लोग कड़ी पत्ते की आड़ में अमेजन पर गांजे की तस्करी करते थे। पुलिस ने करीब 22 किलो गांजा सहित अमेजन की पैकिंग के डिब्बे, रैपर, बारकोड टैगिंग आदि सामान जब्त किया है।
यह तस्करी विशाखापट्टनम से हो रही थी। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी अब तक एक टन से अधिक गांजा ऑनलाइन सप्लाई कर चुके हैं।
आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि सूरज उर्फ कल्लू पवैया और मुकुल जायसवाल ने बाबू टेक्स (Babu Tex) नामक फर्जी कंपनी बनाई थी। बाद में ASSL अमेजन कंपनी में सेलर के रूप में रजिस्टर्ड होकर STEVIA के रूप में अपने ग्राहकों को विशाखापट्टनम से गांजे की सप्लाई करवाते थे। अमेजन ने जो दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं, और जांच में जो दस्तावेज सामने आए हैं, उनमें अंतर है। इस वजह से ASSL अमेजन कंपनी के कार्यकारी निदेशकों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा 38 के तहत अपराध दर्ज करते हुए उन्हें आरोपी बनाया गया है।
ALSO READ: Drug तस्करी का स्मार्ट तरीका, ऑनलाइन हुआ नशा बेचने का कारोबार