indian Journalism Festival: इंदौर। स्टेट प्रेस क्लब मप्र द्वारा जाल सभागार में आयोजित तीन दिवसीय भारतीय पत्रकारिता महोत्सव का राज्य स्तरीय पुरुस्कार वितरण समारोह प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के मुख्य आतिथ्य मे हुआ।
इस मौके पर मंच पर समाजसेवी डॉ. जितेंद्र मतलानी, नरेंद्र सलूजा विशेष रूप से उपस्थित थे। समारोह मे इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा सतना आदि शहरों के राजनीतिक क्षेत्रों में काम करने वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और नया मीडिया के कई वरिष्ठ पत्रकारों को अंगवस्त्र और ट्रॉफी देकर राज्यस्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया।
पत्रकारिता में चुनौतियां भी बढ़ीं : अपने संबोधन में मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि यद्यपि आधुनिक तकनीक के कारण पत्रकारिता आज आसान हो गई है, लेकिन साथ में कुछ चुनौतियां भी बढ़ी हैं। किसी समय केवल प्रिंट मीडिया ही हुआ करता था, लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ सोशल मीडिया भी आ गया है। ऐसे में चुनौतिया और बढ़ गई है। इसलिए पत्रकारिता में विश्वनीयता का होना जरूरी है, इसलिए पत्रकार जो लिखे वह सत्य और निष्पक्ष हो।
विजयवर्गीय ने आगे कहा कि आज के पत्रकारों को और अधिक परिश्रम करने की जरूरत है और यह बगैर समर्पण के संभव नहीं है। इंदौर शहर ने शरद जोशी, प्रभाष जोशी, राजेंद्र माथुर, राहुल बारपुते, वेदप्रताप वैदिक, अभय छजलानी, माणकचंद वाजपेयी जैसे वरिष्ठ और महान पत्रकार दिए, जो यहां की मिट्टी से अतः तक जुड़े रहे। ऐसे पत्रकारों से हम प्रेरणा लेकर स्वयं के जीवन को धन्य करें।
पत्रकारों को सच लिखना चाहिए : मंत्री सिलावट ने कहा कि पत्रकार बहुत मेहनती होते हैं और वे किसी भी खबर की तह में जाकर पूरी करते हैं। पत्रकारों को सच लिखना चाहिए। सिलावट ने पत्रकारिता महोत्सव की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन से पत्रकारिता को एक नई दिशा मिलती है।
अतिथि स्वागत स्टेट प्रेस क्लब के नवनीत शुक्ला, मनोहर लिंबोदिया, अभिषेक बड़जात्या, सोनाली यादव, सुदेश गुप्ता, संजीव श्रीवास्तव, पुष्कर सोनी ने किया। अतिथियों को प्रतीक चिन्ह संदीप जोशी, आकाश चौकसे, शीतल राय, प्रवीण कुमार खारीवाल, कीर्ति राणा, बंशीलाल मतलानी ने प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन आलोक वाजपेयी ने किया। आभार माना प्रवीण खारीवाल ने। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के पत्रकार और पत्रकारिता के छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala