इंदौर वनडे ने दिखा दिया...धर्म से ऊपर पहुंचा क्रिकेट
- सीमान्त सुवीर
इंदौर। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 24 सितंबर के दिन होलकर स्टेडियम में पांच वनडे मैचों की सीरीज का तीसरा मैच होना है और इस मैच के लिए इंदौरियंस का क्रिकेट पागलपन जुनून में बदल चुका है। क्रिकेट को भारत में धर्म का दर्जा दिया जाता रहा है लेकिन वनडे मैच के टिकट को लेकर जो दीवानगी क्रिकेट प्रेमियों ने दिखाई है, उसे देखकर लगने लगा कि क्रिकेट तो धर्म के ऊपर ही निकल गया है...
19 सितंबर को जिला प्रशासन के दबाव में मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने ऐलान कर दिया था कि आज ही सभी टिकट बेचे जाएंगे। प्रशासन नहीं चाहता था कि 20 सितंबर को भी मैच के टिकट बेचे जाएं क्योंकि उसे 10 हजार लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने में बेहद परेशानी आ रही थी।
19 सितंबर को सुबह 10 बजे से गैलरी के टिकटों का वितरण किया जाना था, लेकिन इसके लिए लंबी-लंबी लाइनें 18 सितंबर की दोपहर से ही लगना शुरू हो गई थीं...ये लाइनें घंटाघर चौराहे से लेकर सतीश मल्होत्रा द्वार तक थी, वो भी एक नहीं दो-दो लाइनें...इनमें महिलाओं की लाइन अलग से थी..
लाइन में लगा हर कोई शख्स निश्चिंत था कि उसके पास टोकन है और उसका टिकट तो पक्का है लेकिन जब 19 सितंबर का सूरज उदीत हुआ तो नजारा कुछ और ही नजर आया। जहां देखो, वहां टिकट को पाने वालों का हुजूम जमा हो गया था और इस हुजूम को तिरत-बितर करने के लिए पुलिस के हाथों से डंडे छूट गए। कई लोगों ने क्रिकेट की खातिर मार भी सहन की...
हैरत की बात है कि क्रिकेट का सिर्फ एक मैच देखने के लिए इंदौरियंस दोपहर से रात तक और दिन की तेज धूप से ढलती शाम तक लाइनों में लगे रहे। कई लोग दरियां, बिस्तर, चटाई, पानी की बोतल और खाने का सामान लेकर आए थे...30-40 घंटों तक सड़क और विवेकानंद स्कूल के मैदान पर धैर्य से रहना और चूं तक नहीं बोलना यह शहर की शालीन परंपरा का ही परिचायक है...
ऐसी बात भी नहीं थी कि इंदौर में किसी वनडे मैच का पहली बार आयोजन हो रहा है..मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन इससे पहले भी कई मर्तबा वनडे मैचों की मेजबानी कर चुका है और 2006 के बाद अपने मालिकाना हक वाले होलकर स्टेडियम में पांचवीं बार किसी वनडे मैच को करने जा रहा है।
होता ये है कि इंदौर में क्रिकेट के आयोजन की भनक से ही हजारों क्रिकेटप्रेमियों के तंतुओं में नया उल्लास आ जाता है, यही कारण है कि गैलरी के कुछ हजार टिकटों के लिए 10 हजार से ज्यादा लोगों का जमावड़ा लगा। लाइन में लगे सभी लोगों में से बहुत कम क्रिकेटप्रेमियों के हाथों तक टिकट पहुंच सका। इसकी वजह पुलिसकर्मियों की ओर से कूपन में बंदरबाट जवाबदेह है।
आश्चर्य तो यह भी होता है कि ऐसी कई महिलाएं, जिनका दूर-दूर तक क्रिकेट से नाता नहीं रहा है, वे भी लाइनों में लगी रहीं और टिकट पाने में सफल रहीं। दरअसल, वे लाइनों में लगवाई गई थीं और जिन्होंने इन्हें भूखे पेट लगवाया था, वे 500 या 1000 रुपए का लालच देने वाले थे।
होलकर स्टेडियम की दर्शक क्षमता करीब 27 हजार 900 और 35 लाख की आबादी में से हर कोई 24 सितंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के मैच को देखने की चाहत रखता है। यही कारण है कि हजारों की संख्या में लोगों ने भूख, प्यास, नींद की परवाह किए बगैर रतजगा किया।
मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन ने 17 हजार टिकटों की बिक्री के लिए पहले तीन दिन का वक्त दिया था। सोमवार को पैवेलियन के ढाई हजार टिकट हाथों हाथ बिक गए क्योंकि उनकी कीमत 5 हजार 120 रुपए थी।
मंगलवार और बुधवार को गैलरी और स्टूडेंट कंसेशन के 14 हजार 500 टिकट दो दिन में बेचे जाने थे लेकिन अचानक इसे एक दिन कर दिया गया। मंगल को शाम 6 बजे तक गैलरी और रात 10 बजे तक स्टूडेंट कंसेशन के टिकट बिक गए।
इस मैच को देखने के लिए लाइनों में लगे 10 हजार लोगों को कायदे से टिकट मिलना थे, लेकिन पुलिसकर्मियों द्वारा अपने लोगों को भीड़ में घुसाकर उपकृत किया गया, जिसकी वजह से कई लोग टिकट का टोकन होने के बाद भी टिकट लेने से वंचित रह गए।
बहरहाल, अब इस मैच के सारे टिकट बिक चुके हैं, इसकी सूचना प्रवेश द्वारों पर टांग दी गई है। हमेशा की तरह इस मैच में भी टिकटों की ब्लेकमेलिंग शुरू हो गई है। कई लोग मंगलवार को गैलरी का 900 का टिकट 3000 से 3500 में बेचने की जुगत में थे, जबकि बुधवार को सुबह कई महिलाएं टिकटों की ब्लेकमेलिंग कर रही थीं।
24 सितंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक बहुत बड़ा मैच होने वाला है और इस बड़े मैच के कारण क्रिकेटप्रेमियों में आसमान छूने वाला उत्साह है। बुधवार को दोपहर में अचानक मौसम के करवट बदलने और बारिश की बौछारों ने मैदान को तरबतर करने से इंदौरी क्रिकेट दीवानों के माथे पर सिलवटें मोटी कर दी हैं और सभी बारिश के रुकने की दुआ कर रहे हैं।