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Last Modified: मंगलवार, 22 अगस्त 2017 (10:35 IST)

नहीं मिलेंगे मैक्डी के पिज्जा-बर्गर, बंद होंगे 169 रेस्त्रा...

नहीं मिलेंगे मैक्डी के पिज्जा-बर्गर, बंद होंगे 169 रेस्त्रा... - McDonald's terminates franchise agreement for 169 outlets
नई दिल्ली। मैकडोनाल्ड्स इंडिया ने कनाट प्लाजा रेस्टोरेंट लिमिटेड (सीपीआरएल) द्वारा उत्तर व पूर्वी भारत में चलाए जा रहे सभी 169 रेस्त्राओं के लिए व्यावसायिक करार खत्म कर दिया है।
 
कंपनी ने सीपीआरएल पर अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन व भुगतान में चूक का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया है और इससे अब सीआरपीएल मैकनोनाल्ड के नाम, चिह्न, प्रणालियों और बौद्धिक सम्पदा का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी। मैक्डोनाल्डस ने कहा है कि इन क्षेत्रों के लिए नया लाइसेंस भागीदार तलाशा जा रहा है।
 
‘मैक्डी’ के प्रचलित नाम से जानी जाने वाली मैकडोनाल्डस अमेरिका की एक प्रमुख बर्गर रेस्त्रां कंपनी है और मैकडोनाल्ड्स इंडिया इसकी भारतीय अनुषंगी है। देश में कंपनी के कुल 430 रेस्त्रां हैं जिनका परिचालन वह दो फ्रेंचाइजी के जरिए करती है।
 
आपसी समझौता रद्द करने के इस नोटिस से सीपीआरएल अपने बिक्री केंद्रों पर मैक्डोनाल्डस के ब्रांड का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। इन केंद्रों पर हजारों की संख्या में कर्मचारी हैं।
 
उद्यमी विक्रम बख्शी की अगुवाई वाली सीपीआरएल का मैकडोनाल्ड्स इंडिया से विवाद चल रहा था। यह विवाद कंपनी के प्रबंधन को लेकर था। सीपीआरएल में बक्शी और मैकडोनाल्ड्स इंडिया आधे-आधे की भागीदार हैं।
 
अपनी प्रतिक्रिया में बख्शी ने कहा कि उचित कानूनी उपायों पर विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह निर्णय एनसीएलटी के फैसले को खुली चुनौती है जिसने सीपीआरएल बोर्ड को बैठक कर विभिन्न मुद्दों पर विचार करने का निर्देश दिया था।
 
बख्शी ने कहा, ‘इस नोटिस का समय बहुत ही संदिग्ध है क्योंकि यह प्रशासक द्वारा बुलाई गई पहली बोर्ड बैठक की सुबह आया है। एनसीएलटी ने इस मामले में प्रशासक नियुक्त किया था।'
 
मैक्डोनाल्ड्स का एक और फ्रेंचाइजी समझौता हार्डकासल रेस्टोरेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ है जो कि पश्चिम व दक्षिण भारत में 261 मैक्डोनाल्ड्स रेस्त्रां चलाती है।
 
मैकडोनाल्ड्स ने कहा है कि सीपीआरएल ने उसके साथ उसके नाम पर रेस्त्रां चलाने के लिए हुए अनुबंध का गंभीर उल्लंघन किया है। इसके अनुसार सीपीआरएल ने ‘मौका प्रदान किए जाने के बावजूद विफलता के उपचार के लिए कुछ नहीं किया।’
 
कंपनी ने हालांकि कहा है कि कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं व जमीन मालिकों आदि प्रभावितों की दिक्कतों को दूर करने को प्राथमिकता दी जाएगी। कंपनी इसके लिए सीपीआरएल के साथ काम करने तो तैयार है। (भाषा) 
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