poem on water : पानी की अजब कहानी
- आरपी मिश्र
कोल्ड ड्रिंक भले हो बिकता
भाता सबको पानी है,
दादा-दादी ताऊ-ताई
पानी पीती नानी है
जाड़े में पानी खूब था मिलता
गर्मी की किल्लत पानी है
पानी सबको है दौड़ाता
पानी की अजब कहानी है
दिखता है बड़ा मस्त वह
जिसके घर में पानी है
पानी जिसने व्यर्थ बहाया
उससे दूर दिवाली है
भले बहुत हो पैसेवाला
उसकी दुनिया काली है
पानी नहीं मामूली चीज