Jammu Kashmir news : पिछले 10 महीनों में जम्मू कश्मीर में कुल मारे गए 106 लोगों में अगर 52 आतंकी थे तो उतने ही सुरक्षाकर्मी और नागरिक भी शामिल थे। पिछले साल इसी अवधि में कुल 108 लोग मारे गए थे।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल जो 52 आतंकी मारे गए उनमें से 23 को जून और जुलाई में ही ढेर किया गया है। इनमें से 11 को जून तथा 12 को जुलाई में मार गिराया गया है। अधिकतर को घुसपैठ करते समय मारा गया था।
अगर पिछले साल का आंकड़ा भी देखें तो सबसे अधिक आतंकी जून और जुलाई में ही मारे गए थे। आंकड़ों के बकौल, पिछले साल जून में 14 और जुलाई में 9 आतंकी मारे गए थे। अधिकारियों का कहना था कि इन दो महीनों में अधिकतर आतंकी इसलिए मारे जाते रहे हैं क्योंकि पाक सेना की ओर से घुसपैठ के प्रयासों में तेजी लाई जाती रही है।
इस साल अभी तक 25 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए हैं। पिछले साल से यह आंकड़ा ज्यादा है जब 10 महीनों में 11 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। जबकि इस साल नागरिकों पर हमले भी बढ़े हैं जिस कारण 27 अक्टूबर तक की अवधि में 28 नागरिकों को आतंकियों ने मार डाला जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 11 था। जम्मू कश्मीर में इस साल जुलाई महीने में सबसे अधिक आतंकी हमले भी हुए हैं जिसमें सबसे अधिक सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं।
जम्मू कश्मीर में इस जुलाई हुए में सबसे ज्यादा हमले
23 जुलाई : जम्मू कश्मीर के पुंछ में एलओसी के पास बट्टाल सेक्टर में 23 जुलाई को सुबह करीब 3 बजे सेना और आतंकियों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें लांस नायक सुभाष कुमार घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया। लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
22 जुलाई: जम्मू के राजौरी के घोंधा में आतंकियों ने एक शौर्य चक्र विजेता के घर पर हमला किया। घटना सुबह 3.10 बजे हुई। हमले की खबर लगते ही 63 आरआर आर्मी कैंप से आई टुकड़ी ने जवाबी कार्रवाई की और एक आतंकी को मार गिराया।
18 जुलाई: कुपवाड़ा के केरन इलाके में सेना ने 2 आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया। सेना को यहां कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया। इसी दौरान आतंकियों-सेना के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी।
डोडा के डेसा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ में सेना के एक कैप्टन और पुलिसकर्मी समेत 5 जवान शहीद हो गए। 15 जुलाई को डोडा के डेसा फोरेस्ट बेल्ट के कलां भाटा में रात 10.45 बजे और पंचान भाटा इलाके में रात 2 बजे फिर फायरिंग हुई थी।
14 जुलाई: कुपवाड़ा में एलओसी पर घुसपैठ के दौरान सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को मार गिराया। इनके पास से पिस्तौल, गोला-बारूद बरामद किए गए। तीनों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया।
8 जुलाई: कठुआ जिले में आतंकियों के हमले में शहीद हुए पांचों जवान उत्तराखंड के थे। कठुआ में 8 जुलाई को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर समेत 5 जवान शहीद हो गए। आतंकियों ने पहाड़ी से घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर स्नाइपर गन से फायरिंग की। सेना ने भी काउंटर फायरिंग की, लेकिन आतंकी जंगल में भाग गए।
7 जुलाई: राजौरी जिले के मंजाकोट इलाके में आतंकियों ने एक आर्मी कैंप पर हमला कर दिया। इसमें एक जवान घायल हुआ था है। जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद आतंकी घने जंगल के रास्ते भाग गए। सेना और पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
7 जुलाई: कुलगाम के मुदरघम और चिन्निगम फ्रिसल में एनकाउंटर में 6 आतंकी मारे गए। एनकाउंटर में दो जवान भी शहीद हुए। मुदरघम में एक-दो आतंकियों और चिन्निगम फ्रिसल में एक और आतंकी के छिपे होने की संभावना थी। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी ने बताया कि हमले में स्थानीय आतंकियों भी शामिल थे।