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Last Updated :जम्मू। , बुधवार, 30 अक्टूबर 2024 (08:22 IST)

जम्मू में घुसपैठ करने की फिराक में 50 आतंकी, अखनूर एनकाउंटर पर मेजर जनरल का खुलासा

जम्मू में घुसपैठ करने की फिराक में 50 आतंकी, अखनूर एनकाउंटर पर मेजर जनरल का खुलासा - army officer lauds akhnoor operation says over 50 terrorists waiting to infiltrate into jammu
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि सीमा पार स्थित आतंकी शिविरों में 50 से अधिक आतंकवादी मौजूद हैं, जो जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ की फिराक में हैं। अधिकारी ने कहा कि सेना इस चुनौती के प्रति पूरी तरह सतर्क है और घुसपैठ के किसी भी प्रयास को विफल करेगी।
 
दस इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल समीर श्रीवास्तव ने यहां के निकट अखनूर सेक्टर में 3 आतंकवादियों को मार गिराए जाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सेना आतंकवादियों को नागरिकों को नुकसान पहुंचाने नहीं देगी।
 
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर के एक गांव के पास वन क्षेत्र में छिपे 2 आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने मंगलवार की सुबह मार गिराया जिससे नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास 27 घंटे तक चली मुठभेड़ में मारे गए आतंकवादियों की संख्या 3 हो गई है। अधिकारी ने कहा कि घुसपैठ की रूपरेखा हर गुजरते साल के साथ बदलती है, खासकर बर्फबारी के दौरान और हम चुनौती के लिए तैयार हैं।
 
मेजर जनरल श्रीवास्तव के साथ 28 इंफैंट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर कपिल तनेजा और जम्मू-कठुआ-सांबा रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक शिव कुमार शर्मा भी थे। मेजर जनरल श्रीवास्तव ने कहा कि चुनौतियां वही हैं - घुसपैठ और आतंकवादी कृत्यों का मुकाबला करना। उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं, जैसा कि आपने आतंकवादियों के खिलाफ हाल के सफल अभियानों में देखा है। मुझे यकीन है कि ऐसे सफल अभियानों का आतंकवाद पर असर पड़ेगा।
 
पीर पंजाल के दक्षिण में स्थित आतंकी शिविरों में मौजूद संभावित आतंकवादियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि संख्या के बारे में जानकारी आमतौर पर बदलते समय के साथ बदलती रहती है। वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा कि संयुक्त खुफिया रिपोर्ट के अनुसार वहां 50 से 60 आतंकवादी मौजूद हैं। अखनूर में 3 आतंकवादियों के मारे जाने को सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता बताते हुए उन्होंने कहा कि वे नए घुसपैठिए समूह का हिस्सा नहीं थे।
 
मेजर जनरल श्रीवास्तव ने कहा कि यह एक ऐसा समूह था, जो अंदरुनी इलाकों में मौजूद था और हम पिछले कुछ समय से उनका पता लगा रहे थे। वे यहां आए और बेनकाब हो गए। उन्होंने कहा कि इलाके (अखनूर) पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी, हालांकि जमीनी रिपोर्ट से पता चलता है कि वहां केवल 3 आतंकवादी थे।
 
उन्होंने कहा कि घुसपैठरोधी व्यवस्था को मजबूत किया गया है और इस क्षेत्र में कोई घुसपैठ नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अंदरुनी इलाकों में मौजूद आतंकवादी छोटे-छोटे समूहों में घूम रहे हैं और सीधी कार्रवाई के लिए इस क्षेत्र में आए हैं। मेजर जनरल श्रीवास्तव ने कहा कि अखनूर में आतंकवादियों की कोई स्थाई मौजूदगी नहीं है। उन्होंने कहा कि हम अपनी चौकसी में कोई कमी नहीं आने देंगे। इस क्षेत्र में लंबे समय से कोई घुसपैठ नहीं हुई है।
 
मारे गए आतंकवादियों से अत्याधुनिक एम-4 कार्बाइन बरामद होने और पाकिस्तानी सेना द्वारा आतंकवादियों को सीधे हथियार मुहैया कराने की आशंका के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि (हथियार मुहैया कराने के) स्रोत कई हो सकते हैं और इस बारे में अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या आतंकवादी दिवाली से पहले जम्मू में गुलमर्ग में हुए हमले जैसा ही हमला करने की योजना बना रहे थे, उन्होंने कहा कि ऐसा ही लगता है। उन्होंने कहा कि वहां होने का कोई और कारण होने की बहुत कम संभावना है। अगर ऐसा था भी तो यह (जम्मू) गलत चयन था।
 
मारे गए आतंकवादियों की पोशाक के बारे में एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि बाजार में लड़ाकू वर्दी आसानी से उपलब्ध है। वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और आईईडी बरामद किए गए लेकिन उन्होंने अभियान के दौरान विस्फोटक जैकेट बरामद होने से इंकार किया।
 
उन्होंने कहा कि कोई बेल्ट आईईडी नहीं मिला जबकि उन सभी के पास निजी हथियार और गोला-बारूद था। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में फिदायीन (आत्मघाती) कार्रवाई करना बहुत मुश्किल है। शांतिपूर्ण क्षेत्रों को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों के बारे में उन्होंने कहा कि आतंकवाद का मतलब सनसनी फैलाना है और मुझे लगता है कि वे सनसनीखेज खबरें बनाने के लिए यहां (अखनूर) आए थे। (भाषा) Edited by: Sudhir Sharma
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