गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. जैन धर्म
  4. Siddha bhagwan sphatik mani Jain Pratima
Written By
Last Modified: बुधवार, 2 अगस्त 2017 (18:23 IST)

सिद्ध भगवान की यह मूर्ति गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज

सिद्ध भगवान की यह मूर्ति गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज - Siddha bhagwan sphatik mani Jain Pratima
सागर। मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के संभागीय मुख्यालय सागर में स्थित सिद्धायतन की सिद्ध भगवान की प्रतिमा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कर ली गई है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा जारी प्रमाण पत्र के अनुसार दुनिया की सबसे बड़ी क्वार्ट्ज क्रिस्टल (स्फटिक) की प्रतिमा की उंचाई 32.5 इंच और चौड़ाई 24 इंच है। 
 
प्रमाणपत्र प्राप्त होने के बाद आज सिद्धायतन में राकेश भैया की उपस्थिति में डॉ. हरिसिंह गौर केन्द्रीय विद्यालय के भूगर्भ शास्त्र के प्रोफेसरों ने पत्रकारों से इस उपलब्धि को साझा किया। प्रो. अरुण कुमार शांडिल्य ने बताया कि सिंगल क्रिस्टल से बनी दुनिया की एकमात्र प्रतिमा है। जोकि पाषाण से प्रतिमा बनने के बाद 130 किलो वजनी है। जिसके मूर्ति प्रदाता सागर के ही प्रमोद वारदाना है।
 
प्रो. एलपी चैरसिया ने बताया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने के पूर्व पांच सदस्यीय समिति गठित की गई थी। जिसने क्रिस्टल का सूक्ष्मता से परीक्षण करने के बाद रिपोर्ट भेजी थी।
 
राकेश भैया ने बताया कि आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले में स्थित नेल्लूर की खदान से 51 इंच लंबा 2.5 मीटर व्यास वाला लगभग 1100 किलोग्राम वजन का श्वेत स्फटिक पाषाण प्राप्त हुआ था। जयपुर की अधिकृत टेस्टिंग लैब में इसका परीक्षण किया गया था। इसके साथ विवि के भूगर्भ शास्त्रियों ने व्यावहारिक परीक्षण के उपरांत पाषाण से बिंब निर्माण का निर्णय लिया गया था। 
 
लगभग 18 माह में प्रतिमा तैयार हुई। सागर में पिछले वर्ष अप्रैल माह में इसका पंचकल्याणक महापूजन का आयोजन किया गया था। उन्होंने बताया कि अभी तक सिद्ध भगवान की इंदौर में 14 इंच, चमत्कार जी में पांच इंच, फिरोजाबाद में 10 इंच, गौराबाई दिगंबर जैन मंदिर सागर में 17 इंच की स्फटिक मूर्तियां विराजमान की गई हैं। जबकि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 12x12 की दर्ज है।

भूगर्भ शास्त्री प्रो. एच थामस ने बताया कि स्फटिक नाम का पत्थर करोडों वर्ष में तैयार होता है। वहीं प्रो. आरके रावत ने स्फटिक की विशेषताएं बताते हुए कहा कि यह कांच के समान पारदर्शी होता है।