• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. जैन धर्म
  4. Mahavir Bhagvan ki Aarti
Written By

Bhagvan Mahavir aarti : भगवान महावीर की 3 आरतियां, यहां पढ़ें एक साथ

Bhagvan Mahavir aarti :  भगवान महावीर की 3 आरतियां, यहां पढ़ें एक साथ - Mahavir Bhagvan ki Aarti
Lord Mahavir ki Aarti
 
महावीर स्वामी की आरती : जय महावीर प्रभो
 
जय महावीर प्रभो, स्वामी जय महावीर प्रभो।
कुंडलपुर अवतारी, त्रिशलानंद विभो॥ ॥ ॐ जय.....॥
 
सिद्धारथ घर जन्मे, वैभव था भारी, स्वामी वैभव था भारी।
बाल ब्रह्मचारी व्रत पाल्यौ तपधारी ॥ ॐ जय.....॥
 
आतम ज्ञान विरागी, सम दृष्टि धारी।
माया मोह विनाशक, ज्ञान ज्योति जारी ॥ ॐ जय.....॥
 
जग में पाठ अहिंसा, आपहि विस्तार्यो।
हिंसा पाप मिटाकर, सुधर्म परिचार्यो ॥ ॐ जय.....॥
 
इह विधि चांदनपुर में अतिशय दरशायौ।
ग्वाल मनोरथ पूर्‌यो दूध गाय पायौ ॥ ॐ जय.....॥
 
प्राणदान मन्त्री को तुमने प्रभु दीना।
मन्दिर तीन शिखर का, निर्मित है कीना ॥ ॐ जय.....॥
 
जयपुर नृप भी तेरे, अतिशय के सेवी।
एक ग्राम तिन दीनों, सेवा हित यह भी ॥ ॐ जय.....॥
 
जो कोई तेरे दर पर, इच्छा कर आवै।
होय मनोरथ पूरण, संकट मिट जावै ॥ ॐ जय.....॥
 
निशि दिन प्रभु मन्दिर में, जगमग ज्योति जरै।
हरि प्रसाद चरणों में, आनन्द मोद भरै ॥ ॐ जय.....॥

भगवान महावीर की आरती : रंग लाग्यो महावीर
 
रंग लाग्यो महावीर, थारो रंग लाग्यो
1. थारी भक्ति करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
2. थारा दर्शन करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
3. थारा कलशा करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
4. थारा पूजन करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
5. थारी भक्ति करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
6. थारी वंदना करवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
7. थारे पैदल आवाने म्हारो भाव जाग्यो ॥
रंग लाग्यो…॥
 
रंग लाग्यो महावीर, थारो रंग लाग्यो।। 
रंग लाग्यो महावीर, थारो रंग लाग्यो।। 
 

 
त्रिशाला नंदन की आरती : भगवन मेरी नैया
 
भगवन मेरी नैया, उस पार लगा देना 
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना 
हम दीनदुखी निर्धन, नित नाम जपे प्रतिपल 
यह सोच दरश दोगे, प्रभु आज नहीं तो कल 
जो बाग लगाया है फूलों से सजा देना 
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना। 
 
तुम शांति सुधाकर हो, तुम ज्ञान दिवाकर हो 
मुम हंस चुगे मोती, तुम मानसरोवर हो 
दो बूंद सुधा रस की, हम को भी पिला देना 
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना। 
 
रोकोगे भला कब तक, दर्शन दो मुझे तुम से 
चरणों से लिपट जाऊं प्रभु शोक लता जैसे 
अब द्वार खड़ा तेरे, मुझे राह दिखा देना 
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना। 
 
मंझधार पड़ी नैया डगमग डोले भव में 
आओ त्रिशाला नंदन हम ध्यान धरे मन में 
अब बस करें विनती, मुझे अपना बना लेना
भगवन मेरी नैया, उस पार लगा देना
अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना।