Mahavir swami: महावीर स्वामी को कैवल्य ज्ञान कब प्राप्त हुआ था?
Highlights
* भगवान महावीर स्वामी कैवल्य ज्ञान दिवस।
* कैवल्य ज्ञान कब हुआ था।
* महावीर स्वामी के बारें में जानें।
Lord Mahavir : भगवान महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर है। उनके पिता का नाम सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशला देवी था। तिथि के अनुसार कल उनका कैवल्य ज्ञान दिवस मनाया जा रहा है।
जैन धर्म ग्रंथों के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को भगवान महावीर स्वामी को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
मान्यतानुसार भगवान महावीर ने 12 वर्ष तक मौन तपस्या की और गहन ध्यान के पश्चात् उन्हें 'कैवल्य ज्ञान' की प्राप्ति हुई थी।
जैन ग्रंथों में यह जानकारी मिलती है की कैवल्य ज्ञान प्राप्त होने के बाद भगवान महावीर ने जन कल्याण के लिए प्रवचन, उपदेश और शिक्षा देना प्रारम्भ की थी, जो की अर्धमगधी भाषा में थी।
इस तरह महावीर स्वामी को बिहार में जृम्भिका गांव के पास ऋजुकूला नदी-तट पर दिन वैशाख शुक्ल 10, उक्त समयानुसार रविवार 23 अप्रैल ई.पू. 557 को कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति का हुई थी। जैन धर्म में महावीर स्वामी के अन्य नाम वर्द्धमान, सन्मति, वीर, अतिवीर भी कहे हैं।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।