बांग्लादेश में ISKCON क्यों है निशाने पर, क्या चाहते हैं कट्टरपंथी?
बांग्लादेश में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद वहां हिंदू समुदाय पर अत्याचार और वहां मौजूद इस्कॉन मंदिरों पर होने वाले हमलों की हकीकत सामने आ गई है। बता दें कि हाल ही में इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार किया गया है क्योंकि वे लगातार हिंदुओं के लिए आवाज उठा रहे थे। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के लिए तकलीफें बढ गई हैं।
बता दें कि शेख हसीना के बाद बांग्लादेश में यूनुस सरकार के आने के बाद इस्लामी कट्टरपंथियों ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ गतिविधियां तेज कर दी हैं। दूसरी तरफ यूनुस सरकार इस्लामी ताकतों को खुश करने के लिए इस्कॉन और हिंदूओं पर हमले को लेकर खामोश है।
जानते हैं आखिर क्यों बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिरों को कट्टरपंथियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है और इस्कॉन के कितने मंदिर हैं वहां। बता दें कि पिछले कुछ दिनों में बांग्लादेश में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (ISKCON) को लेकर तनाव काफी बढ़ गया है। जिसके चलते इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने की मांगें उठ रही हैं।
5 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद, बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर उन पहले हिंदू स्थलों में से एक था, जिन पर उपद्रवियों ने हमला किया था। इस्कॉन को निशाना बनाना राजनीतिक चालबाजी और बांग्लादेश में बढ़ती इस्लामी भावनाओं का परिणाम लगता है।
कट्टर इस्लामिक संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने तो कुछ दिनों पहले जुमे की नमाज के बाद इसके खिलाफ बाकायदा एक रैली निकाली। इसके दौरान नारे लगाए गए कि इस्कॉन मंदिर के भक्तों को पकड़ो और उनका कत्ल करो। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि इस्कॉन मंदिर पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो वो और बड़ा आंदोलन करेंगे।
शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद जब देश में अशांति फैली तो बांग्लादेश के खुलना डिवीजन के मेहरपुर में स्थित एक इस्कॉन मंदिर को तोड़ा गया और आग लगा दी गई। जाहिर तौर पर यह शेख हसीना के पद से हटने के बाद राजनीतिक उथल-पुथल थी। लेकिन इस बदलाव के बाद विभिन्न समूह अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें कट्टरपंथी इस्लामी गुट भी शामिल हैं। हसीना के बाद आई यूनुस सरकार इस्लामी गुटों को खुश करने के लिए उन्हें इस्कॉन को निशाना बनाने दे रही है. इससे इस्लामी गुटों को हिंदू समुदाय की असंतुष्ट आवाजों के खिलाफ अपनी ताकत दिखाने का मौका भी मिला।
क्यों इस्कॉन को बनाया जा रहा निशाना : बांग्लादेश में इस्कॉन पर हिंसा भड़काने और राजनीतिक पार्टी से जुड़े होने के आरोप लगाए गए हैं। राजनीतिक पार्टी भी कोई और नहीं, बल्कि अवामी लीग है, जिसकी अगुआई पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना करती थीं। अवामी लीग का देश में सक्रिय कई कट्टरपंथी समूह विरोध करते हैं। सोशल मीडिया पर #BanISKCON और #ISKCONisTerrorist जैसे हैशटैग के साथ अभियान चलाए जा रहे हैं। इसमें इस संगठन को खतरे के रूप में पेश किया जा रहा है और इन पर प्रतिबंध की मांग की जा रही है। इस अभियान ने तब और जोर पकड़ लिया जब धार्मिक उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान इस्कॉन के सदस्यों के साथ हिंसक घटनाएं हुईं
बांग्लादेश में कितने इस्कॉन मंदिर हैं: बता दें कि बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिरों की संख्या काफी है। इस्कॉन के मंदिर ढाका, मेमनसिंह, राजशाही, रंगपुर, खुलना, बारिसाल, चटोग्राम और सिलहट में हैं। बांग्लादेश में इस्कॉन को मानने वालों की संख्या काफी बड़ी है। यही वजह है कि बांग्लादेश में इनसे जुडी संपत्ति भी बहुत है। इस्कॉन संगठन देश में आई किसी भी तरह की आपदा के लिए हरदम तैयार रहता है। हाल ही में बाढ़ पीड़ितों के लिए उसने राहत शिविर लगाए थे।
Edited by : Navin Rangiyal