पाकिस्तान की ओछी हरकत, बालाकोट में बरबादी देखने जाने वाले विदेशी पत्रकारों पर 'बैन'
इस्लामाबाद। पाकिस्तान सरकार की ओछी हरकत ने फिर से उसकी नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पाकिस्तान के अधिकारियों ने 9 दिन बाद भी एक विदेशी मीडिया हाउस के पत्रकारों को बालाकोट में उस स्थान पर जाने की अनुमति नहीं दी है, जहां भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शिविर को तबाह किया था।
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी सुरक्षा बल और अधिकारियों ने विदेशी मीडिया हाउस के पत्रकारों को उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान स्थित उस पहाड़ी को पार कर मदरसा और उसके आसपास की इमारतों तक जाने की मंजूरी नहीं दी। घटनास्थल की ओर जा रहे पत्रकारों को स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि भारत सरकार, जिसे आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर बता रही है, वह एक मदरसा था।
पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने पत्रकारों को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए घटनास्थल की ओर जाने से रोक दिया। पाकिस्तानी सेना की प्रेस शाखा ने मौसम और संगठनात्मक कारणों का हवाला देकर घटनास्थल पर जाने का कार्यक्रम दो बार रद्द कर दिया। इस बीच, पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की एक रिपोर्ट के मुाबिक भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहैल महमूद ने इस्लामाबाद में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की है। महमूद ने पाकिस्तान-भारत संबंधों पर उनसे सलाह ली।
पाकिस्तान ने अपने सभी हवाई अड्डों पर उड़ानें बहाल की : पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) ने शुक्रवार को देश के सभी हवाई अड्डों से उड़ानें बहाल करने की घोषणा की। गुरुवार तक कुछ हवाई अड्डों पर उड़ानें निलंबित थीं।
प्राधिकरण ने एक ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान में गिलगिट, फैसलाबाद, मुल्तान और रहीम यार खान हवाई अड्डों से उड़ानों का संचालन बहाल कर दिया गया है। इन हवाई अड्डों से गुरुवार को 24 घंटे के लिए उड़ानों को निलंबित कर दिया गया था। 'पाकिस्तान एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के अनुसार यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे उड़ानों की विस्तृत जानकारी के लिए एयरलाइंस से संपर्क करें।
उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें 40 से अधिक जवान मारे गए थे। इसके बाद 27 फरवरी को भारत से बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान ने अपने सभी हवाई अड्डों से उड़ानों को बंद कर दिया था। यूरोप और दक्षिण एशिया के प्रमुख मार्गों पर उड़ानों बंद होने से अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फंसे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई थी। (भाषा)