आश्चर्य! दहेज में दिए जाते हैं 21 जहरीले सांप, ससुराल में बेटी रहती है सुरक्षित
भारत ही नहीं पूरी दुनिया में विवाह की अजीबोगरीब रस्में हैं। इन रस्मों में एक है दहेज प्रथा, जिसे कुरीति माना जाता है। आपने यह तो सुना ही होगा कि दहेज में नकद, बर्तन, सोना, चांदी, कार या मोटर साइकिल दी जाती है परंतु आपने यह नहीं सुना होगा कि दहेज में 21 सांप दिए जाते हैं। निश्चित ही यह हैरान करने वाली बात है। आओ जानते हैं इस प्रथा की पूरी कहानी।
वैसे तो हमारे देश में दहेज लेना या देना गैरकानूनी है इसके बावजूद भी यह प्रथा जारी है। दहेज प्रथा के कारण आज भी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। प्रतिवर्ष सैकड़ों तलाक होते हैं और कई महिलाओं की इसी कारण मौत हो जाती है या वे आत्महत्या कर लेती हैं। परंतु हम जिस दहेज प्रथा की बात कर रहे हैं उसके बारे में कहा जाता है कि इससे बेटियां सुरक्षित रहती हैं।
आप सभी यह तो जानते ही हैं कि बेटियों को दहेज देने के लिए पिता कर्ज लेकर कीमती सामान, सोना-चांदी, गहने और नकदी आदि दहेज में देता है। बेटी की शादी के बाद माता-पिता कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं फिर भी उनसे और भी कई तरह के दहेज की मांग की जाती है। लेकिन आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि हमारे देश में एक समाज ऐसा भी है जहां दहेज में महंगे सामान नहीं बल्कि जहरीले सांप दिए जाते हैं। ये सांप भी एक या दो नहीं, बल्कि पूरे 21 दिए जाते हैं। दहेज में गेहुआ और डोमी प्रजाति के सांप देते हैं, जो बेहद जहरीले होते हैं। इनके एक बार काटने भर से इंसान की मौत हो सकती है।
मध्यप्रदेश का गौरिया समाज अपनी इस अनोखी प्रथा के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इस समुदाय के लोग अपनी बेटियों की शादी में दहेज के रूप में दूल्हे को 21 जहरीले सांप देते हैं। इनका मानना है कि अगर बेटी को दहेज में 21 खतरनाक सांप नहीं दिए गए तो बेटी की शादी टूट जाएगी या कोई अपशकुन हो जाएगा। इस समुदाय में बेटी की शादी को सफल और उसके वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने के लिए सांपों को बतौर दहेज देते हैं और यह भी माना जाता है कि इससे ससुराल में बेटी सुरक्षित रहेगी।
मान्यता भी ऐसी है कि बेटी की शादी तय होने के बाद बेटी का पिता सांप पकड़ने का काम शुरू कर देता है। इन्हीं सांपों को बेटी की शादी के दिन दहेज में दिया जाता है। यह भी कहा जाता है कि यदि लड़की का पिता तय समय पर सांप ना पकड़ पाया तो समझो रिश्ता टूट जाएगा। यह परंपरा सैकड़ों साल पुरानी है।
गौरिया समाज के लोग पेशे से सांप पकड़ने का ही काम करते हैं, जिन्हें लोग सपेरा कहते हैं। दरअसल सांप देने का कारण यह भी है कि यही 21 सांप उनकी आजीविका का साधन भी बनता है। ये लोग सांपों का खेल दिखाकर या नागपंचमी पर सांप दिखाकर पैसे कमाते हैं। ये लोग सांप का जहर बेचने का काम भी करते हैं। यही कारण है कि दहेज में सांप दिए जाते हैं। सबसे खास बात है कि शादी में दहेज के दिए जाने वाले सांप खुद लड़की का पिता ही तय समय में पकड़ कर लाता है।