देश की सेवा में तत्पर रहे जनरल बिपिन रावत के सैन्य करियर पर एक नजर
भारतीय सेना के शेर जनरल बिपिन सिंह रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन से समूचे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। वे जांबाज अफसरों में से एक थे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन सिंह रावत के दुखद निधन से राष्ट्र को बहुत बड़ी क्षति पहुंची है। तमिलनाडु के कन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर आदसे में जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत और अन्य 11 वीर जवानों का निधन हो गया। भारतीय सेना के जांबाज अफसरों में से एक थे। 1978 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उसके बाद तत्पर देश के लिए सेवा दे रहे थे।
जनरल बिपिन सिंह रावत फोर स्टार जनरल थे -
- जनरल बिपिन सिंह रावत को परम विशिष्ट सेवा मेडल।
- उत्तम युद्ध सेवा मेडल
- अति विशिष्ट सेवा मेडल
- युद्ध सेवा मेडल
- सेवा मेडल और
- विशिष्ट सेवा मेडल हासिल करने वाले जनरल बिपिन रावत भारतीय सेना के 4 स्टार जनरल थे।
ऐसे शुरू हुआ था सैन्य करियर
जनरल बिपिन रावत ने देहरादून के इंडियन मिलेट्री अकेडमी से पढ़ाई की थी। यहां से पास होने के बाद 16 दिसंबर 1978 को भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में सेकंड लेफ्टिनेंट के तौर पर नियुक्त किए गए।
- जनरल रावत को हाई एल्टीट्यूड वॉर फेयर में महारत हासिल थी। उन्होंने 10 सालों तक आतंकवाद विरोधी अभियानों को कड़े जवाब में सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
- तजुर्बे के साथ उनका हौसला बुलंद होता गया। जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना मेजर के तौर पर एक कंपनी की कमान संभाली थी।
- कर्नल के तौर पर एलओसी पर किबिथू इलाके में अपनी 5वीं बटालियन 11 गोरखा राइफल्स की कमान भी संभाली।
- ब्रिगेडियर का पद संभालने के बाद जम्मू-कश्मीर के सोपोर में राष्ट्रीय राइफल्स की कमान संभाली।
- इस दौरान उन्हें दो बार फोर्स कमांडर से सम्मानित किया गया।
जनरल रावत देश के लिए पूरी तरह से समर्पित थे। देश के प्रति उनका समर्पण युगों तक याद रहेगा। और आने वाली पीढ़ी के लिए वे प्रेरणास़्त्रोत के तौर हमेषा याद किए जाएंगे। मेजर जनरल के पद मिलने के बाद जनरल रावत ने 19वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग के रूप में पद ग्रहण किया।
- इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल बन गए। बाद में पुणे में दक्षिणी सेना की कमान संभाली। बाद में उन्होंने ईस्टर्न कमांड के मेजर जनरल जनरल स्टाफ के तौर पर भी काम किया।
- जनरल बिपिन रावत को 1 जनवरी 2016 को सेना कमांडर ग्रेड में पदोन्नति कर साउर्थन कमांड के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ बनाया गया। 1 सितंबर 2016 को ही उन्हें थल सेना का उप प्रमुख बनाया गया। और 31 दिसंबर 2016 को उन्हें भारतीय सेना के 27वें चीफ बनाए गए। 1 जनवरी 2020 में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनें।
जनरल बिपिन रावत ने अपने जीवन का अधिकतम समय देश की सेवा में ही समर्पित किया। उन्होंने साल 2015 में हुए म्यांमार स्ट्राइक के दौरान कमान संभाली थी। इस तरह था जनरल बिपिन रावत का सैन्य कार्य और उपलब्धियां।