गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. प्रेरक व्यक्तित्व
  4. chandra shekhar azad
Written By WD Feature Desk

27 फरवरी शहीद दिवस विशेष: चंद्रशेखर आजाद की वो 15 अनसुनी बातें, जो आप नहीं जानते होंगे

27 फरवरी शहीद दिवस विशेष: चंद्रशेखर आजाद की वो 15 अनसुनी बातें, जो आप नहीं जानते होंगे - chandra shekhar azad
chandrashekhar shahid diwas 2024 
 
HIGHLIGHTS
23 जुलाई, 1906 को जन्मे थे चंद्रशेखर आजाद। 
चंद्रशेखर आजाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं लोकप्रिय सेनानी है।
27 फरवरी चंद्रशेखर आजाद की शहादत का दिन।
 
Chandra Shekhar Azad : चंद्रशेखर आजाद स्वतंत्रता संग्राम के महानायक थे। उनका बलिदान दिवस 27 फरवरी को मनाया जाता है। उनकी गिनती आजादी के लोकप्रिय वीर सेनानियों में की जाती हैं। चंद्रशेखर आजाद ने छोटी सी उम्र में सबकुछ त्याग कर गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया था। 
 
आइए जानते हैं भारत के आजादी के वीर चंद्रशेखर आजाद के शहीद दिवस पर उनके बारे में 15 रोचक बातें- 
 
1. 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर चंद्रशेखर आजाद का जन्म हुआ था, वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी है। अब आजाद का जन्म स्थान भाबरा 'आजादनगर' के रूप में जाना जाता है। 
 
2. उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी था, जो कि ईमानदार, स्वाभिमानी, साहसी और वचन के पक्के थे। चंद्रशेखर की माता का नाम जगदानी देवी था। उनके पिता के सारे गुण चंद्रशेखर को विरासत में मिले थे।
 
3. चंद्रशेखर आजाद 14 वर्ष की आयु में बनारस गए और वहां एक संस्कृत पाठशाला में पढ़ाई की। वहां उन्होंने कानून भंग आंदोलन में योगदान दिया था। 1920-21 के वर्षों में वे गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़े। 
 
4. वे गिरफ्तार हुए और जज के समक्ष प्रस्तुत किए गए। जहां उन्होंने अपना नाम 'आजाद', पिता का नाम 'स्वतंत्रता' और 'जेल' को उनका निवास बताया। उन्हें 15 कोड़ों की सजा दी गई। हर कोड़े के वार के साथ उन्होंने, 'वंदे मातरम्' और 'महात्मा गांधी की जय' का स्वर बुलंद किया। 
 
5. इसके बाद वे सार्वजनिक रूप से 'आजाद' कहलाए। जब क्रांतिकारी आंदोलन उग्र हुआ, तब आजाद उस तरफ खिंचे और 'हिन्दुस्तान सोशलिस्ट आर्मी' से जुड़े। 
 
6. रामप्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में सन् 1925 में आजाद ने काकोरी षड्यंत्र में सक्रियता भाग लिया और पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गए।
 
7. भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और राजगुरु ने 17 दिसंबर 1928 को शाम के समय लाहौर में पुलिस अधीक्षक के दफ्तर को घेर लिया और ज्यों ही जे.पी. साण्डर्स अपने अंगरक्षक के साथ मोटर साइकिल पर बैठकर निकले तो राजगुरु ने पहली गोली दाग दी, जो साण्डर्स के माथे पर लग गई वह मोटरसाइकिल से नीचे गिर पड़ा। फिर भगत सिंह ने आगे बढ़कर 4-6 गोलियां दाग कर उसे बिल्कुल ठंडा कर दिया। जब साण्डर्स के अंगरक्षक ने उनका पीछा किया, तो चंद्रशेखर आजाद ने अपनी गोली से उसे भी समाप्त कर दिया।
 
8. इतना ना ही नहीं इन क्रांतिकारियों ने लाहौर में जगह-जगह परचे चिपका दिए गए, जिन पर लिखा था- लाला लाजपतराय की मृत्यु का बदला ले लिया गया है। उनके इस कदम को समस्त भारत के क्रांतिकारियों खूब सराहा गया।
 
9. वीर क्रांतिकारी चंद्रशेखर का नाम मन में आते ही अपनी मूंछों को ताव देता वह नौजवान आंखों के सामने जाता है जिसे पूरी दुनिया 'आजाद' के नाम से जानती है। 
 
10. चंद्रशेखर आजाद ने सन् 1931 में अलफ्रेड पार्क, इलाहाबाद में रूस की बोल्शेविक क्रांति की तर्ज पर समाजवादी क्रांति का आह्वान किया। 
 
11. चंद्रशेखर आजाद ने संकल्प किया था कि वे न कभी पकड़े जाएंगे और न ब्रिटिश सरकार उन्हें फांसी दे सकेगी। इसी संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने 27 फरवरी, 1931 को इसी पार्क में स्वयं को गोली मारकर मातृभूमि के लिए प्राणों की आहुति दे दी। 
 
12. पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उनके बारे में कहा था- 'चंद्रशेखर आजाद की शहादत से पूरे देश में आजादी के आंदोलन का नए रूप में शंखनाद होगा। आजाद की शहादत को हिन्दुस्तान हमेशा याद रखेगा।' 
 
13. महात्मा गांधी ने चंद्रशेखर आजाद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था- 'चंद्रशेखर की मृत्यु से मैं आहत हूं। ऐसे व्यक्ति युग में एक बार ही जन्म लेते हैं। फिर भी हमें अहिंसक रूप से ही विरोध करना चाहिए।' 
 
14. मुहम्मद अली जिन्ना ने यह कहते हुए श्रद्धांजलि दी थी कि- 'देश ने एक सच्चा सिपाही खो दिया।'
 
15. इस तरह चंद्रशेखर आजाद के रूप में एक महान क्रांतिकारी योद्धा ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपना बलिदान देकर शहीद हो गया।  
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

ये भी पढ़ें
शहीद दिवस: आपके जीने का अंदाज बदल देंगे चंद्रशेखर आजाद के ये 12 अनमोल कोट्‍स