2047 तक दोगुनी होगी शहरी आबादी, नगरीय निकायों का ढांचा बदलने की जरूरत : स्मार्ट सिटी मिशन निदेशक
Indore news : इंदौर (मध्यप्रदेश)। वर्ष 2047 तक देश की शहरी आबादी के आज के मुकाबले लगभग दोगुनी होने का अनुमान जताते हुए केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के निदेशक कुणाल कुमार ने गुरुवार को कहा कि नगरीय निकायों के प्रशासन, नियोजन और वित्तपोषण के मौजूदा ढांचे को बदलते वक्त के मुताबिक ढाले जाने की जरूरत है।
कुमार ने इंदौर में कहा कि वर्ष 2047 तक देश की शहरी आबादी आज के मुकाबले तकरीबन दोगुनी हो जाएगी। भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 70 प्रतिशत हिस्सा शहरों से आता है। देश को 2047 तक विकसित मुल्क बनाने के लिए जीडीपी में शहरों का योगदान बढ़ाना पड़ेगा जिसके लिए निवेश को तेजी से बढ़ाकर रोजगारों में इजाफा करना होगा।
कुमार, केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य विभाग के संयुक्त सचिव भी हैं। उन्होंने आबादी में नौजवानों की बड़ी तादाद को देश की ताकत करार दिया और कहा कि गांवों से शहरों की ओर युवा आबादी का आना एक समस्या नहीं, बल्कि अवसर है, क्योंकि शहरों से आर्थिक वृद्धि को रफ्तार मिलती है।
कुमार ने कहा कि ...लेकिन हमें विचार करना होगा कि प्रतिभावान युवाओं को शहरों में बसाने के लिए हमारे नगरीय निकायों के प्रशासन, नियोजन और जनता के प्रति जवाबदेही की व्यवस्था आज के हालात के मुकाबले कितनी मुफीद है और नगरीय निकायों को पर्याप्त अधिकार हासिल हैं या नहीं?
पुणे नगर निगम के करीब 4 साल तक आयुक्त रहे आईएएस अधिकारी ने जोर देकर कहा कि देश के नगरीय निकायों के वित्तपोषण की व्यवस्था भी बदलते वक्त की मांग और चुनौतियों के मुताबिक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुजरे 9 सालों में नगरीय निकायों को केंद्र सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता बढ़ी है, लेकिन इन निकायों को चाहिए कि वे अपने स्थानीय आर्थिक संसाधनों को सुदृढ़ करते हुए आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ें।
कुमार, 'अर्बन 20 (यू20)' के एकदिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने इंदौर आए थे। 'भारतीय शहरों के लिए शहरी प्रशासन की पुनर्रचना' विषय पर केंद्रित कार्यक्रम में देश के अलग-अलग शहरी निकायों के प्रतिनिधियों और अफसरों के साथ ही कई विषय विशेषज्ञों ने विचार मंथन किया।
'यू20, जी20' समूह की एक पहल है। यू20 का मकसद जी20 समूह से जुड़े देशों के शहरी निकायों के बीच विचारों के आदान-प्रदान के जरिये साझेदारी की दिशा में काम करना है ताकि सतत विकास के एजेंडा को आगे बढ़ाया जा सके।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta