इंदौर। पिछले दो वर्षों में डायबिटीज और खासकर इंसुलिन पर निर्भर मरीजों को कई परेशानियां हुई। कई मरीज इस दौरान अपनी शुगर को कंट्रोल नहीं कर पाएं, क्योंकि वो डॉक्टर्स तक नहीं पहुंच पाए।
कुछ डॉक्टर्स ने टेली मेडिसीन की सुविधा दी लेकिन वो न तो मरीज से मिल पाए और न ही उनकी जांचें ठीक से हो पाई। इन्हीं परेशानियों को देखते हुए डायबिटीज और एंडोक्राइन स्पेशलिस्ट डॉ. संदीप जुल्का और उनकी टीम ने अब मरीजों को घर पर ही इलाज और जरूरी जांचें उपलब्ध कराने के लिए 'मधुमेह सारथी' की शुरुआत की है।
डायबिटीज़ और एंडोक्राइन स्पेशलिस्ट डॉ. संदीप जुल्का ने बताया कि लॉकडाउन के चलते डॉक्टर्स और डायबिटीज़ के मरीज़ एक दूसरे से नहीं मिल सके। इस दौरान उनके ब्लड शुगर लेवल्स स्थिर नहीं रह सके और फिर बीमारियों ने सबसे ज्यादा निशाना भी डायबिटीज़ के मरीजों को ही बनाया।
कोरोना के अलावा भी कई सारे मरीज़ ऐसे हैं, जो डॉक्टर इस समस्या को समझते हुए मधुमेह चौपाल ने अब मधुमेह सारथी के नाम से एक नई सुविधा आरंभ की है।
डॉ. जुल्का ने बताया कि 'मधुमेह सारथी' मरीजों के घर दो लोगों की एक टीम पहुंचेगी, जिसमें एक अनुभवी डॉक्टर और एक सहयोगी (एसोसिएट) होंगे। इस टीम द्वारा बातचीत कर लक्षण लिखने और जरूरी शारीरिक परीक्षण किया जाएगा वहीं ब्लड प्रेशर, पल्स, ऑक्सीजन सेचुरेशन, रैंडम ब्लड शुगर मापने, पैर में सुन्नता, आदि एसोसिएट द्वारा की जाएगी।
अनुभवी और प्रशिक्षित डॉक्टर अपने मरीजों से बातचीत के दौरान उनके इंसुलिन लगाने के तरीके, इंसुलिन को रखने की जगह से लेकर अन्य जानकारी प्राप्त कर उसमें जरूरी सुझाव भी देंगे ताकि मरीजों की शुगर को लंबे समय तक कंट्रोल में रखने में मदद मिले।
टीम इमरजेंसी में वहीं से या सामान्य परिस्थितियों में लौटकर डॉ. संदीप जुल्का को विस्तृत रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट्स और जांचों को पढने के बाद उसी दिन शाम को डॉ. संदीप जुल्का वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से उन्हें दवाइयों/इंसुलिन की मात्रा बताएँगे। डॉ. संदीप जुल्का का ऐसा मानना है कि इस पूरी प्रक्रिया में हम मरीज से बेहतर तरीके से जुड़ सकेंगे।
प्रोजेक्ट मधुमेह सारथी में फिलहाल 7 प्रोफेशनल्स की एक टीम है, जिसमें प्रशिक्षित और अनुभवी डॉक्टर्स, टेक्नीशियन व एज्युकेटर शामिल हैं इसके अलावा अपॉइंटमेंट और फीडबैक के लिए पांच लोगों की टीम है।
उनके अनुसार हम आरंभ से ही फोर-ई यानी मधुमेह का सटीक इलाज करने के लिए सही जानकारी यानी एजुकेशन, आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए इम्पेसाइज, जागरूकता लाने के लिए इम्पावर और इलाज के खर्च में कमी लाने के लिए इकोनोमाइज के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं।
मधुमेह सारथी की फीस और सुविधाओं को मरीजों की जेब के अनुरूप बनाने के लिए मार्केटिंग और कम्युनिकेशन विशेषज्ञ की सुविधायें ली हैं जिन्होंने कई मरीजों, उनके परिजनों से बात कर एक सर्व सुलभ पैकेज डिजाईन किया है।
शिशिर सोमानी ने मधुमेह सारथी के पैकेज के बारे में बताया कि मरीज़ को एक बार की सुविधाओं के 2500 रुपए देने होंगे। इसमें विजिटिंग डॉक्टर व एसोसिएट के घर जाने का खर्च, उनकी फीस, जांचों और टेलीमेडिसीन के माध्यम से डॉ. संदीप जुल्का की सलाह की फीस भी शामिल होगी। इसके साथ मरीज को दो बार एचबीए1सी यानी शुगर की पिछले तीन महीने की जांच के करीब 1500 रुपए कीमत के दो कूपन फ्री दिए जाएंगें।
डायबिटीज में लगने वाली दवाइयों पर दस प्रतिशत या उस से अधिक का डिस्काउंट, अन्य बीमारियों की जांच में 10 से लेकर 40 प्रतिशत तक के डिस्काउंट की सुविधाएं दी जाएगी। ये सभी टाई अप एनएबीएल एक्रीडिएटेड लेब व प्रतिष्ठित अस्पतालों से किया जा रहा है।