• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. स्वतंत्रता दिवस
  4. 15th august 2021 importance of freedom
Written By

छोटे बच्चों को समझाएं आजादी का महत्व, राष्ट्रीय संस्कारों को बोने का यही है समय

छोटे बच्चों को समझाएं आजादी का महत्व, राष्ट्रीय संस्कारों को बोने का यही है समय - 15th august 2021 importance of freedom
15 अगस्‍त 1947 को देश अंग्रेजों से आजाद हुआ था। इस साल 75वां स्‍वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। हर साल स्‍वतंत्रता दिवस तो मनाते हैं लेकिन बच्‍चों को आजादी का महत्‍व और उसके मायने समझाना भूल जाते हैं।

वह हर साल हाथ में तिरंगा लेकर अपने स्‍कूल जाते हैं। लेकिन स्‍वतंत्रता दिवस क्‍या है? उसके मायने बच्‍चे नहीं जानते हैं। बच्‍चों को आजादी का महत्‍व समझाने के लिए उन्‍हें वीर पुरुषों के बारे में जरूर पता होना जरूरी है।

बड़ी-बड़ी वीरांगनाएं हैं जिन्‍होंने देश की आजादी के लिए अंग्रेजों से संघर्ष करते हुए वीरगति को प्राप्‍त किया। लेकिन अंग्रेजों को लोहे के चने चबवाकर ही दम तोड़ा। कुछ ऐसे वीर पुरुष और वीरांगनाएं जो देश की आजादी के लिए कुर्बान हो गए। भारत देश को आजाद कराने के लिए हिंसा भी हुई और अहिंसा भी हुई। लेकिन राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी ने हमेशा अहिंसा का रास्‍ता अपनाया। कुछ ऐसे वीर पुरुष है जिनके बारे में पढ़कर बच्‍चों को भी आजादी के महत्‍व को समझने में आसानी होगी।  
 
- महात्‍मा गांधी - जिन्‍होंने हमेशा अहिंसा का रास्‍ता अपनाया। कभी किसी हथियार या बंदूक से अंग्रेजों को सबक नहीं सिखाया। बल्कि गलत कानून के खिलाफ आवाज उठाई और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर विरोध करते थे। एक वक्‍त था जब अंग्रेजों द्वारा नमक पर भी टैक्‍स लगाया जाता था। इसी के साथ गांधी जी ने समाज की कुरीतियां भी खत्‍म करने की कोशिश की ।   
 
-रानी लक्ष्‍मी बाई - यह कविता तो सभी ने पढ़ी है 'खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी।' क्‍या आप जानते है कि वह झांसी वाली रानी कौन थी। वह रानी लक्ष्‍मी बाई थी जिन्‍होंने देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी थी। 1858 की क्रांति में लक्ष्‍मी बाई ने आजादी के लिए लड़ते- लड़ते शहीद हो गई थी। 
 
- भगत सिंह - जिन्‍होंने अंग्रेजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। देश को आजाद कराने के लिए वह हंसते - हंसते फांसी के फंदे पर भी चढ़ गए थे।   
 
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस - नौजवानों में आजादी का जोश भरने के लिए उर्जावान नारे दिए थे। तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। उनके इस नारे नें युवाओं में काफी जोश भर दिया था। वह जनता के बीच काफी लोकप्रिय थे। और जनता उन्‍हें प्‍यार से नेताजी कहकर बुलाते थे। 
 
- बहादुर शाह जफर - 1857 की लड़ाई के दौरान उन्‍होंने ईस्‍ट इंडिया कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोला था। 
 
-शिवराम राजगुरू - वह बहुत बड़े क्रांतिकारी थे। वे भगत सिंह के साथी थे। अंग्रेजों से मुकाबले के लिए वे नौजवानों को तैयार करते थे।
 
ये कुछ ही वीर बहादुरों के नाम है। लेकिन देश को आजाद कराने के लिए कई क्रांतिकार‍ियों ने अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया था। देश की सेवा के लिए। इन्‍हें भारत माता के वीर सपूत कहा जाता है। छोटे बच्‍चों में देश के लिए कुछ करने का जज्‍बा तब पैदा होगा जब उन्‍हें जानकारी होगी।

बच्‍चों के मन देश के प्रति कुछ अच्‍छा करने, अपने समर्पण के भाव रखें उस तरह से दिशा दें। यह आने वाले वक्‍त में बहुत बड़ा मकसद दे सकती है। जिससे मेहनत करने और अपने काम को बेहतर करने के लिए प्रेरित होंगे।

बच्‍चों में अच्‍छी आदतें विकसित करें। उन्‍हें देश के जवानों के बारे में बताएं। कई सारी ऐतिहासिक जगह है उनके बारे में भी बच्‍चों को बताएं। जिससे उनके अंदर जिज्ञासा पैदा होगी। कई सारी फिल्‍में होती है जिन्हें देखकर भी वे बहुत कुछ सीख सकते हैं। बचपन ही एक सही समय होता है जब बच्‍चों में राष्‍ट्रीय संस्‍कारों के गुण डाले जा सकते हैं।  उन्हें वीर रस की देशभक्ति कविताएं याद करने के लिए कहें। 

सबसे अच्छी बात तो यह होगी कि देश‍भक्ति की किताबों को पढ़कर आप स्वयं उन्हें सुनाएं... देशभक्ति से ओतप्रोत गीत खुद भी गुनगुनाएं.... बच्चे कहने से ज्यादा आपको देखकर सीखेंगे.... आप खुद कितने देशभक्त हैं पहले अपने मन पर हाथ रखें फिर बच्चों से अपेक्षा रखें...