vishva madhumeh divas 2024 : आज विश्व मधुमेह दिवस (WDD) मनाया जा रहा है। प्रतिवर्ष 14 नवंबर को यह दिन मनाया जाता है। बदलते समय और भागदौड़भरी इस जिंदगी में अधिकतर लोगों को डायबिटीज या मधुमेह हो रहा है, जो कि एक बड़ी समस्या बन गई है। यह रोग बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्गों तक को अपने चपेट में ले रहा है। माना जाता है कि एक बार मधुमेह या डायबिटीज होने पर उसे जड़ से खत्म करना मुश्किल होता है। इसलिए इसे कंट्रोल में रखना बहुत जरूरी होता है।
Highlights
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क्यों मनाते हैं वर्ल्ड डायबिटीज डे?
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शुगर का दूसरा नाम क्या था?
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मधुमेह की राजधानी कौन सी है?
आइए जानते हैं इस रोग के बारे में...
शुगर का दूसरा नाम मधुमेह या डायबिटीज हैं, जो एक ऐसे रोग की स्थिति है, जो किसी व्यक्ति को एक बार हो जाए तो जीवनभर बनी रहती है। पहले के समय में यह रोग सिर्फ ज्यादा उम्र के लोगों को ही होता था, लेकिन अब बच्चों से लेकर युवा वर्ग दोनों इसकी चपेट में आ रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 10.5 प्रतिशत 20 से 79 वर्ष लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और जिनमें से लगभग आधे लोगों को यह पता भी नहीं है कि वे इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं।
यदि किसी व्यक्ति का डायबिटीज सामान्य नहीं हैं, तो उसे एक नहीं कई बड़ी बीमारियों को खतरा बढ़ जाता है। वर्तमान में डायबिटीज का आतंक पूरी दुनिया भर में चारों तरफ फैल रहा है। आपको बता दें कि भारत को 'विश्व की मधुमेह राजधानी' भी कहा जाता है, साथ ही यह अनुमान भी लगाया गया है कि करीबन 41 मिलियन भारतीयों को मधुमेह की बीमारी है तथा विश्व का हर 5वां डायबिटीज रोगी भारतीय है।
डायबिटीज रोग से ग्रसित होने पर व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कम-ज्यादा होना, दिमाग पर असर, हार्ट का खतरा, कोई भी घाव होने पर जल्दी ठीक न होना, और अधिक वक्त लगना, किडनी फैल हो जाना, आंखों की रोशनी चले जाना, जैसी कई बड़ी-बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ता है।
विश्व मधुमेह दिवस का इतिहास जानें: मधुमेह/डायबिटीज डे मनाने की शुरुआत सन् 1991 से हुई। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मधुमेह की बीमारी को अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में बनाने की पहल की गई, ताकि लोगों को इस रोग के प्रति अधिक से अधिक जागरूक किया जा सकें। अब पूरे विश्व में इस बीमारी का खतरा बढ़ने लगा। अत: डायबिटीज के प्रति लोगों को जागरूक करना ही इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है।
यह दुनिया के सबसे बड़े जागरूकता अभियान में से एक है, जिसे करीब 160 देशों मनाते हैं। साथ ही 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस इसलिए भी मनाया जाता है क्योंकि इस दिन फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्म हुआ था, वह वैज्ञानिक है, जिन्होंने कानाडा के टोरंटो शहर में चाल्स बैट के साथ मिलकर सन् 1922 में इंसुलिन की खोज की थी। और इतिहास की इस महान खोज को अक्षुण रखने के लिए इंटरनेशनल डायबिटीज डे मनाया जाता है। अत: फ्रेडरिक बैंटिंग को इंसुलिन का जनक कहा जाता है तथा उनके द्वारा इंसुलिन खोजने के सम्मान में ही आज उनका जन्मदिन विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है।
विश्व मधुमेह दिवस 2024 की थीम क्या है : वर्ष 2024 में वर्ल्ड डायबिटीज डे का विषय- 'बाधाओं को तोड़ना, अंतरालों को पाटना' (Breaking Barriers, Bridging Gaps) रखा गया है, जिसका अर्थ मधुमेह के जोखिम को कम करना तथा इस रोग से पीड़ित हर व्यक्ति को समान, संपूर्ण, उचित मूल्य वाली तथा उच्च गुणवत्ता वाली देखभाल उपलब्ध हो सके, इस बात पर प्रकाश डालता है।
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