ये पक्षी हवा में उड़ते हुए पीता है पानी, इसके बारे में जानकर हैरान रह जाएंगे
Chatak Bird : देश और दुनिया में कई विचित्र किस्म के पशु और पक्षी हैं। जैसे हमिंग बर्ड उल्टा उड़ सकता है, टिटोनी छूने से मर जाता है और पिट्टा चिढ़िया के पंख 9 रंग के होते हैं। ऐसा ही एक विचित्र पक्षी है जो हवा में उड़ते हुए पानी पी लेता है। यह बहुत ही आश्चर्य वाली बाता है लेकिन यह सत्य है या नहीं यह तो हम नहीं जानते हैं।
"एक एव खगो मानी चिरंजीवतु चातकम्। म्रियते वा पिपासार्ता याचते वा पुरंदरम्।।"
अर्थात चातक ही एक ऐसा स्वाभिमानी पक्षी है, जो भले प्यासा हो या मरने वाला हो, तब भी वह इन्द्र से ही याचना करता है। किसी अन्य से नहीं अर्थात केवल वर्षा का जल ही ग्रहण करता हैं, किसी अन्य स्रोत का नहीं।
हवा में उड़ते हुए पी लेता है बारिश का पानी : आज हम आपको ऐसे पक्षी के बारे में पता रहे हैं जो कि हवा में उड़ते हुए पानी पी लेता है और आश्चर्य वाली बात यह भी है कि यह सबसे शुद्ध ही पानी पीता है। भारतीय पौराणिक कथाओं में ऐसा उल्लेख मिलता है कि यह पक्षी स्वाति नक्षत्र में होने वाली वर्षा की पहली बूंदों को आसमान से गिरते हुए सीधे चोंच में लेता है।
दरअसल हम बात कर रहे हैं चातक की। चातक को अंग्रेजी में जैकोबिन कोयल कहते हैं। इसका हिन्दी में एक और नाम है और वह है पपीहा। मारवाड़ी में इसे मघवा कहते हैं।
सिर्फ बारिश का पानी ही पीता है चातक : भारतीय मान्यता और साहित्य के अनुसार यह पक्षी बारिश की पहली बूंद को पीता है। खास बात यह है कि यह सिर्फ बारिश का पानी ही पीता है। यह पक्षी किसी झील, तालाब या नदी का पानी पीता ही नहीं है। कहते हैं ये पक्षी प्यासा मर जाएगा लेकिन बारिश के अलावा किसी और सोर्स का पानी नहीं पिएगा। इसीलिए यह पक्षी मानसून आने के पहल ही भारत के उत्तरी हिस्से में पहुंच जाता है। इसका मतलब यह कि जहां बारिश होने वाली हो यह पक्षी पहले ही वहां पहुंच जाता है। उत्तराखंड के स्थानीय लोगों के मुताबिक ये सिर्फ आसमान में टकटकी लगाए रहता है.
कैसा दिखाई देता है यह पक्षी : चातक का ऊपरी हिस्सा चमकीला काला, नीचे का हिस्सा सफेद, पूंछ के पंखों के किराने सफेद, आंख की पुतली भूरे या लाल भूरे रंग में, चोंच काले रंग की और पांव एवं पंजे गहरे रंग के होते हैं। यह पक्षी अपने अंडे दूसरे पक्षियों के घोंसले में देता है।