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युवाओं की राष्ट्र निर्माण में प्रमुख भूमिका

युवाओं की राष्ट्र निर्माण में प्रमुख भूमिका - importance of youth in build the nation
Swami Vivekananda Jayanti
 
डाॅ. निशा शर्मा 
विभाग कार्यवाहिका हरिगढ़
राष्ट्र सेविका समिति
 
राष्ट्र के विकास में युवाओं का महत्वपूर्ण स्थान है किसी भी राष्ट्र की रीढ़ वहां की युवा शक्ति होती है। युवाओं के विचारों की हवा ही राष्ट्र की विजय पताका की दिशा निर्धारित करती है।  संसार हमारे राष्ट्र का बहुत ही ऋणी है ,यदि भिन्न-भिन्न जातियों की तुलना की जाए तो हमें मालूम होगा कि यह संसार हिंदुस्तान का जितना ऋणी है उतना और किसी का नहीं ।

रोम, ग्रीस की सभ्यताएं भी जब अस्तित्व में नहीं थी, यूरोपियन के पूर्वज जब जर्मनी के घने जंगलों में छिपे रहते थे तब भी भारतवासी कितने क्रियाशील थे इस बात का प्रमाण हमारा इतिहास हमें देता है, जिसका विचार करने पर स्वतः ही मन में स्फूर्ति और स्वयं को हम गौरवान्वित महसूस करने लगते हैं ऐसे में एकाएक राष्ट्रप्रेम में लीन होकर यदि हम भारत माता की जय का उदघोष कर दें तो ये कोई आश्चर्यजनक बात नहीं होगी।
 
सहारनपुर के एहसान राव के मन में जब राष्ट्रप्रेम की इसी भावना का जागरण हुआ तो उन्होंने एक राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी में एकाएक भारत माता की जय का उद्घोष कर दिया। जिस पर उनका वीडियो बना किसी ने वायरल कर दिया। राजनीतिक पार्टी अथवा धर्म विशेष से नफरत की आग में सुलग रहे कुछ विशेष धर्म गुरुओं की तरफ से उन्हें चेतावनी दे दी गई और जान से मारे जाने की धमकी मिली सो अलग। क्या मात्र भारत माता की जय पर इन सभी लोगों को एतराज है? या फिर दूषित मानसिकता के धनी हैं यह सभी लोग जो मात्र राष्ट्र विरोधी मानसिकता को प्रदर्शित करते हैं। 
 
भारतीय युवा गीतकार एवं कवि मनोज मुंतशिर का लिखा यह गीत "तेरी मिट्टी में मिल जावा गुल बन के मैं खिल जावा.....न जाने कितने राष्ट्र प्रेमियों के कानों में गूंजा होगा परंतु इन पंक्तियों को अपने जीवन में उतारकर सार्थक कर गए भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत जी। भारतीय सेना में जनरल बिपिन रावत समेत सभी सदस्यों की आकस्मिक मृत्यु ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया जीते जी जनरल रावत राष्ट्र के प्रति अद्भुत समर्पण की मिसाल तो बने ही, उनकी मृत्यु भी देश के युवाओं के मन में राष्ट्रभक्ति की लौ  प्रज्वलित कर गई और देखते ही देखते देश के प्रत्येक प्रांत से उनको श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। 

Swami Vivekananda


इसी प्रकार हाल ही में पंजाब सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर देशवासियों के मन में क्रोध का एक लावा उबलते संपूर्ण देश ने देखा। संपूर्ण भारतवर्ष में उनकी सलामती की के लिए पूजा , अर्चना , प्रार्थनाएं की जाने लगी
 
उपरोक्त घटनाओं को दृष्टिगत रखकर यदि हम युवाओं की प्रतिक्रिया पर विचार करें तो युवाओं की प्रतिक्रिया किसी विशेष राजनीतिक स्वार्थ की दृष्टि से नहीं अपितु राष्ट्र के प्रति संवेदनशील भावना के कारण हम सभी के मध्य उजागर हुई परंतु इसके साथ ही हम सभी ने एक ऐसे समूह के दर्शन भी किए जिसने जहां जनरल की शहादत पर खुशियां मनाई तो वही पीएम मोदी की सुरक्षा चूक के मामले पर प्रधानमंत्री पर कटाक्ष भी किया।  
 
इतना ही नहीं अपनी राष्ट्र विरोधी  गतिविधियों को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी लिया हालांकि बाद में जनरल रावत प्रकरण पर सरकार ने इन पर कड़ी कार्यवाही भी की परंतु विचारणीय प्रश्न यह है कि यह जो प्रतिपक्ष समूह समाज के समक्ष राष्ट्र विरोधियों के रूप में उभर कर आ रहे हैं उनके विचारों को आखिर पल्लवित और पोषित कौन कर रहा है? जिसके कारण युवाओं में राष्ट्र के प्रति सोचने और समझने की क्षमता क्षीण होती जा रही है। बिपिन रावत किसी विशेष धर्म ,जाति अथवा पार्टी से नहीं थे, क्योंकि राष्ट्रीयता का धर्म अपना लेने के बाद कुछ भी शेष नहीं रहता। भारतीय सेना सम्पूर्ण भारतवर्ष की है परंतु उनकी शहादत पर खुशियां मना कर राष्ट्र की अवहेलना करना एक महान राष्ट्रीय पाप है।  
 
इसी प्रकार नरेंद्र मोदी भी प्रधानमंत्री संपूर्ण देश के हैं उनकी सुरक्षा में हुई चूक पर चुटकी लेने का अधिकार विपक्ष तक को नहीं है। नरेंद्र मोदी किसी विशेष पार्टी से हो सकते हैं परंतु प्रधानमंत्री हम सभी के हैं, इस प्रबल भावना के साथ ही हम सभी को एक साथ आगे आना होगा। समाज में जो लोग इन युवाओं के विचारों को दूषित करने का घिनौना कृत्य कर रहे हैं हमें उनकी पहचान करने के साथ ही उनको रोकना होगा । मन, वाणी और कर्म यदि एक को हो तो मुट्ठी भर लोग ही लक्ष्य प्राप्ति कर सकते हैं।

swami vivekananda jayanti
 
 हम सभी का लक्ष्य एक ही है अतः हम सभी को एक होकर आगे आना होगा और शत्रु बोध कर उनको रोकना होगा जो हमारे समाज को खोखला करने का असफल प्रयास कर रहे हैं।  भारत माता के प्रति अपना ये कर्तव्य पालन करना ही हम सभी की राष्ट्रभक्ति का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण होगा
 
 विवेकानंद जी ने कहा था कि, "भारतवर्ष के पुनरुत्थान में शारीरिक शक्ति से नहीं अपितु आत्मा की शक्ति के द्वारा भागीदार बनें। वह उत्थान विनाश की ध्वजा लेकर नहीं वरन शांति और प्रेम की ध्वजा से होगा और हमारी भारत माता पुनः एक बार जागृत होकर अपने सिंहासन पर पूर्व की अपेक्षा अधिक महिमान्वित  होकर विराजेगी।"
 
आइये संकल्प लें स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर कि जो स्वप्न विवेकानंद जी ने इस राष्ट्र के लिए संजोया उसको पूर्ण करने में राष्ट्र के युवा सहभागी होंगे।