सर्वाइकल कैंसर के बारे में ये बातें हर महिला को पता होनी चाहिए
Cervical Cancer: सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय ग्रीवा के अस्तर में असामान्य कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि है। गर्भाशय ग्रीवा गर्भ के निचले हिस्से में स्थित होता है और महिला प्रजनन प्रणाली का हिस्सा है, जो गर्भ से योनि तक खुलती है। इस कैंसर को बच्चेदानी के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है।
भारत में महिलाओं में होने वाला तीसरा सबसे ख़तरनाक कैंसर है। दरअसल Cervical Cancer के लक्षण विकसित होने में कई साल लग जाते हैं। इसीलिए शुरुआती चरणों में इसका पता लगाना मुश्किल होता है। यह भी देखें: सर्वाइकल कैंसर के कारण, लक्षण और बचाव
यदि किसी महिला को असामान्य bleeding, दो periods के बीच में bleeding या मेनोपॉज के बाद bleeding या spotting हो रही है तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलकर जांच ज़रूर करवानी चाहिए। इसके अलावा संभोग के बाद खून आना, संभोग के दौरान बेचैनी या खून आना, तेज गंध के साथ योनि से स्राव, रक्त के साथ योनि स्राव और यूरिन करते समय दर्द महसूस होने कई स्तिथि में भी डॉक्टर से परामर्श लेना ज़रूरी है।
सर्वाइकल कैंसर का क्या कारण है? cause of cervical cancer
Cervical Cancer HPV virus से संक्रमण की वजह से होता है। यह एक sexually Transmitted Disease है। सर्विकल कैंसर के लिए मुख्य रूप से HPV यानी ह्यूमन पैपिलो वायरस जिम्मेदार होता है. अधिकांश सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) संक्रमण के कारण होते हैं। एचपीवी के 100 से अधिक प्रकार हैं, जिनमें से कम से कम 14 कैंसर पैदा करने वाले हैं (जिन्हें उच्च जोखिम वाले प्रकार भी कहा जाता है)।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव । Prevention of Cervical Cancer
Cervical Cancer से बचाव के लिए HPV Vaccine 9 साल की बच्चियों से लेकर 45 साल तक की महिलाओं को लग सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक यह वैक्सीन 45 साल तक की महिलाओं में लगाई तो जा सकती है लेकिन उतना प्रभावी नहीं होती है. इसलिए एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि Cervical Cancer से बचने के लिए रेगुलर स्क्रीनिंग ज्यादा जरूरी है. इसके लिए महिलाओं को हर तीसरे साल PAP Smear Test ज़रूर करवाना चाहिए।