Secret of long life: स्वस्थ रहकर लंबा जीवन जीना और वह भी जवान बने रहकर यह तो असंभव है, लेकिन प्राचीन मानव बहुत लंबा जीवन यापन करता था और वह भी बिना किसी रोग और शोक के क्योंकि तब वातावरण में न तो प्रदूषण था और न ही मानव नकली या फास्ट फूड का सेवन करता था। आजकल तो चिंता ही आदमी को खाए जा रही है जिसके चलते वक्त वक्त के पहले ही बूढ़ा होकर मर जाता है। कई एक्सपर्ट का मानना है कि यदि हम अपनी जीवनशैली में थोड़ा बहुत भी परिवर्तन कर देते हैं तो निरोगी काया रखकर लंबा जीवन जी सकते हैं।
माइक्रो मेडिटेशन विथ प्राणायाम : सुबह आपको 25 सेकंड तक आंखें बंद रखनी में जिसमें आपको 4 सेकंड तक भीतर श्वास खींचना है और उस श्वास को 8 सेकंड तक अंदर रोककर रखना है इसके बाद 12 सेकंड तक श्वास को बाहर छोड़ते जाना है। इसके 1 सेकंड के बाद आंखें खोल लेना है। बस यही करना है।
एक्सरसाइज : आपको प्रतिदिन मात्र 5 मिनट की एक्सरसाइज करना है। भले ही योगासन करें, रस्सी कूदें, दौड़ लगाएं या पीटी करें। यह एक्सरसाइज सुबह करें तो बेहतर है नहीं तो शाम को भी कर सकते हैं।
भोजन करने और सोने-उठने का समय तय करें : सेहतमंद बने रहकर लंब उम्र जीने के लिए आपको अच्छी और पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। इसके लिए जरूरी है कि आप सोने का समय तय करें और उठने का समय भी तय करें। यह याद रखें कि भोजन करने के कम से कम 2 घंटे बाद ही सोएं। इसलिए आपको डिनर करने का समय भी तय करना होगा।
उत्तम अन्न-जल : उत्तम अर्थात जिस शाकाहारी भोजन से शरीर को सभी तरह के विटामिन, खनिज, कैल्शियम, ऑयरन आदि प्राप्त होते हों। साथ ही जल की प्रकृति को समझना जरूरी है। शुद्ध जल ही पर्याप्त नहीं होता बल्कि आपके शरीर के टेम्परेचर के हिसाब से जल ग्रहण करें। भोजन करने और जल पीने के आयुर्वेदिक नियमों का पालन करें। यदि आप सीधे प्रकृति से प्राप्त ही भोजन करेंगे तो अति उत्तम होगा। भोजन में बीन्स, फलियां, सेम, टोफू, मेवे और फलों का भी उपयोग करें। सभी रंगों के आहार का सेवन करें। ज्यादातर जूस का सेवन करें।
रुक-रुक कर उपवास : दीर्घायु आहार का एक अन्य पहलू उपवास की निर्दिष्ट अवधि है, जिसे अंतराल उपवास के रूप में जाना जाता है। आहार कार्यक्रम 12 घंटे की समय-सीमा में खाने की वकालत करता है। आम तौर पर रुक-रुक कर उपवास करने वाले लोग 4 से 8 घंटे भोजन के लिए निर्धारित करते हैं और बाकी 16-20 घंटे का उपवास रखते हैं। यह नहीं कर सकते हैं तो कम से कम सप्ताह में एक दिन सिर्फ ज्यूस ही पिएं। वह दिन कोई सा भी निर्धारित कर लें।
निश्चिंत जीवन : कहते हैं कि चिंता चिता के समान होती है। यह व्यक्ति को भीतर से खोखला कर देती है। इससे निजात पाने के लिए आप अच्छी किताबें पढ़ें, परिवार के सदस्यों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय व्यतीतकर बातचीत करें, दोस्तों के साथ बातें करें। हर तरह के मनोरंजन से जुड़ें। बेफिक्र जिंदगी ही सफलता के द्वार खोलती है। लोगों से मिलना जुलना शुरू करें। दोस्तों की संख्या बढ़ाएं। यात्रा पर जाएं और मौज करें।
सकारात्क सोच रखें : हमेशा पॉजिटिव सोच रखें। कभी भी किसी भी बात को लेकर निराश न हों क्योंकि जिंदगी में चढ़ाव है तो उतार भी है। सुख है तो दुख भी है। इसलिए अपनी असफलताओं से निराश न हों और जीवन में कुछ हासिल करने की बजाए कुछ करने की सोच रखें। खुद से प्यार करें और खुद को ज्यादा महत्व दें। यानी खुद को किसी भी प्रकार से या किसी भी कारण से दुखी न होने दें। हमेशा चेहरे पर मुस्कान बनाए रखें।
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