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Last Updated : शुक्रवार, 20 मई 2022 (11:57 IST)

Expert Advice : तेजी से मोटापा कम करने के लिए Balloon या बेरियाट्रिक सर्जरी कौन-सी है कारगर?

Expert Advice : तेजी से मोटापा कम करने के लिए Balloon या बेरियाट्रिक सर्जरी कौन-सी है कारगर? - for obesity which  surgery is good expert advice
मोटापा आज के वक्‍त में गंभीर समस्‍या बन गया है। इतना ही नहीं इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दिया गया है। वर्ल्‍ड ओबेसिटी फेडरेशन के द्वारा चेतावनी दी गई है कि 2025 तक इस पर कंट्रोल नहीं किया गया तो इससे होने वाली घातक बीमारियों पर 1.2 हजार अरब डॉलर खर्च करना होंगे। दो गुनी तेजी से बढ़ने वाली मोटापे की समस्‍या से हर साल 28 लाख लोगों की मौत हो जाती है। दुनियाभर में सिर्फ मोटापे से हो रही मौतों के ये भयावह आंकड़ें समस्‍या को गंभीरता से सोचने पर जोर दे रहे हैं। बढ़ती मोटापे की समस्‍या से कैसे निपटा जाए? किस प्रकार की सर्जरी जरूरी है बलून और बेरियाटि्रक सर्जरी में अंतर? बलून और बेरियाटि्रक सर्जरी में से कौन-सी बेहतर है? इस अहम विषय पर वेबदुनिया ने डॉ. विशाल जैन (लेप्रोस्‍कोपिक सर्जन और वेटलॉस गेस्टि्रक बलून स्‍पेशलिस्‍ट) से विस्‍तार से चर्चा की -

मोटापे को त्‍वरित रूप से कम करने के लिए अलग-अलग सर्जरी की जाती है। जिसमें एक सर्जरी है गेस्टि्रक बलून ट्रीटमेंट है यह क्‍या है?

बलून एक नया ट्रीटमेंट है।जिसमें सिलीकॉन का गुब्‍बारा होता है। जिसे दूरबीन पद्धति से इंडोजकॉपी की प्रक्रिया के द्वारा मुंह के द्वारा पेट में डाला जाता है। जिसके बाद ये गुब्‍बारा 50 से 60 फीसदी तक पेट में जगह घेर लेता है। इस बलून से पेट का अधिकतम हिस्‍सा कवर होने से बहुत कम खा पाते हैं और कम खाने में ही हमारा पेट भर जाता है। जिससे कम खाने में ही भरे हुए पेट की फीलिंग आती है। और जब हम कम खाते हैं तो प्राकृतिक रूप से हमारा वजन भी कम होने लगता है। दूसरी अच्‍छी बात यह होती है कि हमे बार-बार भूख भी नहीं लगती है तो 5 से 6 महीने में हमारा वजन कम हो जाता है।

बलून ट्रीटमेंट में किसी तरह सर्जरी या शरीर पर कट लगाने की जरूरत नहीं होती है।

वजन कम करने के लिए कितने प्रकार की सर्जरी की जाती है?

मोटापा बहुत बड़ी समस्‍या है। सबसे पहले उसके कारण को जानते हैं। मरीज की लाइफस्‍टाइल को देखते हैं जिस वजह से मोटापा बढ़ा है। उस अनुसार ट्रीटमेंट दिया जाता है। मरीज को सीधे सर्जरी के पहले जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है। खान-पान और योग करने की सलाह दी जाती है। जब ये बहुत अधिक कारगर साबित नहीं होते हैं तो फिर सर्जरी की सलाह दी जाती है।  

तो 
बेरियाट्रिक सर्जरी होती है। जिसमें पेट (Stomach)का हिस्‍सा कट करके छोटा कर देते हैं। या फिर बायपास बना दिया जाता है जिससे आप अधिक नहीं खा पाते हैं और ज्‍यादा नहीं खाएंगे तो वजन नहीं बढ़ेगा। दूसरा ऑप्‍शन होता है गेस्टि्रक बलून। जिसे स्‍टमक में डाल दिया जाता है और वह जगह को रोक लेता है। तो इस तरह से सर्जरी की मदद से वजन को कम किया जा सकता है।

दोनों सर्जरी में से कौन-सी अधिक फायदेमंद है?

वह अलग-अलग मरीज पर निर्भर करता है। किसी को बलून ट्रीटमेंट फायदा कर जाए तो किसी को नहीं। जो 20 से 25 किलो तक वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए बलून ट्रीटमेंट बहुत अच्‍छा विकल्‍प है। बलून एक परमानेंट प्रोसेस नहीं है। 1 साल बाद बलून को वापस निकाल दिया जाता है। इससे शरीर में परमानेंट बदलाव नहीं होता है सिर्फ वजन कम होता है।

जिनका वजन 150 किलो या 200 किलो तक है उनके लिए 
बेरियाट्रिक सर्जरी अच्‍छा विकल्‍प है। इसमें स्‍टमक का बड़ा हिस्‍सा निकाल दिया जाता है। बॉडी मास इंडेक्‍स (BMI)होता है जिसमें हम बॉडी मास इंडेक्‍स के अनुसार वजन और हाइट को मापते हैं। अगर BMI 40 से कम होता है तो बलून सर्जरी की सलाह दी जाती है। और उससे अधिक होता है तो बेरियाट्रिक सर्जरी विकल्‍प की ओर देखते हैं।

सर्जरी के बाद खान-पान का किस तरह का होना चाहिए?

बलून एक परमानेंट प्रोसेस नहीं है। 1 साल बाद बलून को वापस निकाल दिया जाता है। इससे शरीर में परमानेंट बदलाव नहीं होता है सिर्फ वजन कम होता है।

वहीं 
बेरियाट्रिकसर्जरी में शरीर में कट लगाया जाता है। जिससे वजन तो कम हो जाता है। जिससे बॉडी में साइड इफेक्‍ट भी होते हैं। न्‍यूटि्शनल डेफिशियंसी भी होती है। प्रोटीन या विटामिन की कमी हो जाती है जिसका सप्‍लीमेंट हमे लेना पड़ता है।

लेकिन सर्जरी से पहले रिस्‍क रिवॉर्ड (Risk Reward) पर बात करना जरूरी है। बढ़े हुए वजन से अधिक परेशानी है या फिर वजन कम करने के बाद होने वाले साइड इफेक्‍ट अधिक तो नहीं है।




क्‍या सर्जरी से कोमॉर्बिडिटी की समस्‍या खत्‍म हो जाती है?

डायबिटीज, बीपी, वजन का भार घुटनों पर पड़ने से घुटनों की समस्‍या होने लगती है,फैटर लीवर की समस्‍या, एंग्‍जाइटी, डिप्रेशन की समस्‍या कॉमन है। लेकिन जब वजन कम होने लगता है तो इन सभी समस्‍याओं से भी निजात पाने में सफल होते हैं। साथ ही सेल्‍फ कॉन्फिडेंस भी बढ़ता है।

वजन कम होने पर 80 से 90 फीसदी केस में डायबिटीज भी खत्‍म हो जाती है।

तो बलून या 
बेरियाट्रिक सर्जरी का ये अच्‍छा फायदा है। वजन कम करने के साथ-साथ बीमारियों से भी निजात मिलती है। फैटी लिवर की समस्‍या कम या खत्‍म हो जाती है, बीपी की दवा या तो बंद हो जाती है या उनका डोज कम हो जाता है।

किस उम्र के बाद यह बलून ट्रीटमेंट लिया जा सकता है?

यह ट्रीटमेंट आमतौर पर वयस्‍क लोगों में किया जाता है। 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही इस इलाज की सलाह दी जाती। बच्‍चों को यह ट्रीटमेंट इसलिए नहीं दिया जाता है क्‍योंकि बच्‍चे ठीक से दिशा निर्देशों का पालन नहीं करते हैं।