• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. सेहत
  3. हेल्थ टिप्स
  4. Food poisoning or corona
Written By

फूड पॉइजनिंग और कोरोना के लक्षण हुए एक समान जानिए कैसे करें अंतर

फूड पॉइजनिंग और कोरोना के लक्षण हुए एक समान जानिए कैसे करें अंतर - Food poisoning or corona
कोरोना अभी भी गया नहीं है, अलग अलग लक्षणों के साथ बार बार खबरों में दस्तक दे रहा है नई जानकारी के अनुसार इस बार कोरोना मरीजों में उल्टी-दस्त यानी डायरिया जैसी समस्याएं देखी जा रही है। इसलिए कहा जा रहा है कि कोरोना का नया लक्षण उल्टी-दस्त भी है। लेकिन यह लक्षण तो फूड पॉइजनिंग का भी हो सकता है तो आइए जानते हैं कि कैसे आप कोरोना और फूड पॉइजनिंग में अंतर कर सकते हैं। 
 
सबसे पहले तो अगर आप फूड पॉइजनिंग से बचना चाहते हैं, तो आपको ध्यान रखना है कि अपने घर में पालतू जानवरों को अपने खाने से दूर रखें और ध्यान दें कि वो इसमें मुंह न मारे, पके हुए खाने को बार-बार गर्म करके न खाएं, बासी खाने का सेवन न करें, घर का ताजा पका हुआ खाना खाएं, फ्रिज में आटे को गूंथकर रखने की जगह ताजा आटा गूंथे आदि।
 
फूड पॉइजनिंग से पेट खराब, उल्टी और दस्त हो सकते हैं। यह समस्या बच्चों में ज्यादा होती है। अलग-अलग तरह के नुकसान पहुंचाने वाली कई सूक्ष्मजीव होते हैं, जो शरीर में समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इनमें बैक्टीरिया, वायरस, और फंगस शामिल हैं। खाना जब खराब होता है तो ये कीटाणु इसमें पनपने लगते हैं। जब आप ऐसे खराब खाने को खाते हैं तो ये आपके शरीर में जाते हैं और घंटों बाद आपको उल्टी, दस्त और बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कोरोना और फूड पॉइजनिंग में कैसे अंतर करें
फूड पॉइजनिंग के लक्षण
पेट में ऐंठन होना, 
उल्टी-दस्त होना, 
कमजोरी होना, 
जी मिचलाना, 
बुखार आना, 
भूख में कमी और सिरदर्द।
कोरोना के लक्षण:-
ठंड लगना
खांसी-बुखार
गले में दर्द
सांस लेने में दिक्कत
गंध न आना
पेट में दर्द
जी मिचलाना
उल्टी-दस्त आदि।
फूड पॉइजनिंग है या कोरोना?
किसी व्यक्ति को उल्टी-दस्त की समस्या है तो वो पहले अपने लक्षणों की बारीकी से जांच करें, बीमार को अव्वल तो खुद ही समझ में आ जाता है कि हुआ क्या है, लेकिन मरीज अगर बच्चा है तो घर मे बड़ो  को तुरंत चौकन्ना होने की जरूरत है। तत्काल डॉक्टर को दिखाए। साथ में अपना कोविड टेस्ट करा ले। इससे क्लियर हो जाएगा डायरिया है या कोरोना। कुल मिलाकर आपको कोविड टेस्ट तो करा ही लेना चाहिए ताकि समय पर इलाज हो सके। संक्रमण कैसा भी हो सावधानी और सुरक्षा के साथ बचाव ही सबसे अच्छा इलाज है।