शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. जय गंगा मां
  4. 4 amazing coincidences on Ganga Dussehra
Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 7 जून 2024 (16:21 IST)

100 साल बाद गंगा दशहरा पर 4 अद्भुत संयोग, कर लें गंगा स्नान और पूजा, 10 तरह के पापों से मिलेगी मुक्ति

100 साल बाद गंगा दशहरा पर 4 अद्भुत संयोग, कर लें गंगा स्नान और पूजा, 10 तरह के पापों से मिलेगी मुक्ति - 4 amazing coincidences on Ganga Dussehra
Ganga Dussehra 2024: ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा। इस बार 16 जून 2024 को यह त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन 4 अद्भुत योग संयोग बन रहे हैं। ऐसे समय में स्नान, दान पुण्य करने से 10 तरह के पापों से मुक्ति मिलती है। आओ जानते हैं कि कौन से शुभ योग संयोग बन रहे हैं।
 
4 शुभ संयोग : ज्योतिष मान्यता के अनुसार गंगा दशहरा के दिन हस्त नक्षत्र है, इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ अमृत योग और रवि योग का भी अद्भुत संयोग रहेगा। यह चार शुभ संयोग करीब 100 साल बाद घटित हो रहा है।
ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: 04:03 से 04:43 तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:54 से दोपहर 12:50 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:42 से दोपहर 03:37 तक
गोधूलि मुहूर्त- दोपहर 07:20 से दोपहर 07:40 तक
सायाह्न सन्ध्या- दोपहर 07:21 से दोपहर 08:21 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- प्रात: 05:23 से सुबह 11:13 तक
अमृत सिद्धि योग- प्रात: 05:23 से सुबह 11:13 तक
रवि योग- पूरे दिन
गंगा स्नान : गंगा नदी में स्नान करने से 10 तरह के पापों (3 कायिक, 4 वाचिक और 3 मानसिक) से मुक्ति मिलती है। गंगा स्नान, गंगा ध्यान, नाम स्मरण, मंत्र उच्चारण, आचमन एवं स्नान से प्राणी काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर, ईर्ष्या, ब्रह्महत्या, छल, कपट, परनिंदा जैसे पापों से मुक्त हो जाता है। कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से दस पापों का हरण होकर अंत में मुक्ति मिलती है। गंगा दशहरा पर्व पर मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं।
कहां करें गंगा स्नान : हरिद्वार, ऋषिकेश, इलाहाबाद (प्रयागराज वाराणसी में गंगा स्नान करने का खास महत्व है। इस दिन प्रातःकाल सूरज उगने से पूर्व गंगा स्नान करने का खास महत्व होता है। इस दिन गंगा माता का पूजन करके उनकी आरती की जाती है। गंगा जल को पीने से प्राणवायु बढ़ती है। इसीलिए गंगा जल का आचमन किया जाता है। गंगा दशहरा के दिन भक्तों को मां गंगा की पूजा-अर्चना के साथ दान-पुण्य भी करना चाहिए। 
ये भी पढ़ें
धूमावती जयंती कब है, कर लें ये 4 उपाय तो होगा बहुत ही शुभ