Ganesh Utsav 2022 : भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से 10 दिवसीय गणेशोत्सव प्रारंभ हो जाएंगे। गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी का जन्म दिवस मनाया जाता है। इस दिन उन्हें कई तरह के भोग लगाए जाते हैं और उनकी पूजा की जाती है। यहां उनकी पसंद के 10 भोग या प्रसाद की जानकारी दी जा रही है। यदि आपके यहां पर 10 दिनों के लिए गणेशजी की स्थापना हो रही है तो आप प्रतिदिन एक भोग लगाकर प्रसाद वितरण कर सकते हैं।
1. लड्डू : बूंदी, बेसन, सूजी, राजगिरे या मोतीचूर के लड्डू गणेशजी को बहुत पसंद हैं।
2. मोदक : मोदक चावल के आटे, घी, मैदा, मावा, गुड़, सूखे मेवे, नारियल, खोपरा, गुड़ आदि से बना या जाता है।
3. नारियल चावल : यह दक्षिण भारत में बनाता है। नारियल के दूध या पानी में चावल को भिगोगर या नारियल के गुदे को चावल में मिलाकर पकाने से बनता है।
4. सतोरी या पुरण पोली : यह खोआ या मावा, घी, बेसन और दूध से बना एक व्यंजन है। चले की दाल में गुढ़ मिलाकर उसे मिसकर उसे रोटी में भरा जाता है।
5. श्रीखंड : केसर मिला पीला श्रीखंड का भोग भी उन्हें लगाया जाता है। दही से बने इस मिष्ठान में किशमिश और चारोली मिलाकर इसका भोग लगाएं।
6. केले का शीरा : मैश किए हुए केले, सूजी और चीनी से बना शीरा सूजी के हलवे की तरह होता है। उन्हें केले का प्रसाद भी अति प्रिय है।
7. पंजीरी : गणेशजी को पंजीरी का प्रसाद भी अर्पित किया जाता है। धनिया, मिश्रि, इलायची आदि से मिलाकर बनाते हैं।
8. रवा पोंगल : इसे सूजी और मूंग के साथ घी मिलाकर बनाते हैं। जिसमें किशमिश, काजू और बादाम डालते हैं। इसे मूंग का हलवा ही मानें।
9. पयसम : यह पारंपारिक दक्षिण भारतीय खीर है। इसे दूध और गुड़ के साथ बनानाकर इसमें चावल या सेंवई डालते हैं। उपर से इलायची पाउडर, घी और अन्य ड्राई फ्रूट्स डालते हैं।
10. शुद्ध घी और गुड़ का भोग : गणेशजी को शुद्ध घी में देशी गुड़ मिलाकर भोग लगाते हैं। इसके अलावा छुआरे, चिरौंजी, परमल, नारियल और मिश्री का भोग लगाते हैं।