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Written By वृजेन्द्रसिंह झाला
Last Updated : सोमवार, 21 दिसंबर 2020 (09:13 IST)

राजनीति के 10 दिग्गज, जिन्होंने 2020 में दुनिया को अलविदा कहा

राजनीति के 10 दिग्गज, जिन्होंने 2020 में दुनिया को अलविदा कहा - top 10 Indian politicians, who Passed away in 2020
कोरोनावायरस (Coronavirus) के मनहूस साये में गुजरने वाले वर्ष 2020 के साथ कई कड़वी यादें जुड़ी हैं। इस वर्ष भारत ने कई दिग्गज राजनेताओं को खोया। इनमें से कुछ का निधन तो कोरोना संक्रमण के चलते ही हुआ। जिन हस्तियों को इस वर्ष खोया इनमें पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह, कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल आदि शामिल हैं। आइए जानते हैं उन हस्तियों के बारे में जिन्होंने 2020 में इस दुनिया को अलविदा कह दिया...
 
1. प्रणब मुखर्जी : भारत के 13वें राष्ट्रपति, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त को निधन हो गया। प्रणब दा 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। इससे पहले वे करीब छह दशकों तक राजनीति में सक्रिय रहे। उन्हें कांग्रेस का संकटमोचक भी माना जाता था। 2019 में उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से भी नवाजा गया।
 
मुखर्जी निधन से पहले अपने संस्मरण पर आधारित पुस्तक 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' को लिख चुके थे। यह पुस्तक जनवरी में आने वाली है। हालांकि इसके पहले ही इस पर विवाद भी उत्पन्न हो गया है। प्रणब दा के पुत्र अभिजीत मुखर्जीं ने पिता के संस्मरण का प्रकाशन रोकने के लिए प्रकाशक से आग्रह किया है। मुखर्जी उस समय भी सुर्खियों में आए थे, जब वे नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। 
 
2. जसवंत सिंह : अटलबिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में रक्षामंत्री, विदेश मंत्री और वित्तमंत्री जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले राजस्थान के दिग्गज नेता जसवंत सिंह का लंबी बीमारी के बाद इसी वर्ष 27 सितंबर को निधन हो गया। भाजपा के संस्थापकों में से एक सिंह को वर्ष 2014 में पार्टी ने राजस्थान के बाड़मेर से लोकसभा का टिकट नहीं दिया था। इससे नाराज सिंह भाजपा के खिलाफ ही मैदान में उतर गए थे। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिली। जसंवत सिंह पहले सेना में रहे बाद में राजनीति में आए। 
 
3. अहमद पटेल : गांधी परिवार के विश्वसनीय और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार अहमद पटेल का 25 नवंबर को निधन हो गया। 26 वर्ष की उम्र में पहली बार गुजरात से सांसद बने पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार भी थे। 21 अगस्त 1949 को गुजरात के भरूच जिले में जन्मे पटेल ने राजस्थान की गहलोत सरकार को बचाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें पर्दे के पीछे की राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता था। 
 
4. अमर सिंह : समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य रहे अमर‍ सिंह भारतीय राजनीति की अलग ही शख्सियत थे। उनका 1 अगस्त को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया था। वे मुलायम सिंह यादव के काफी निकट थे, लेकिन जब सपा पर अखिलेश का प्रभाव बढ़ा तो उन्हें पार्टी से बाहर भी होना पड़ा था। औद्योगिक घरानों और फिल्मी हस्तियों के बीच उनकी अच्छी पैठ थी। उन्हें अमिताभ बच्चन के 'संकटमोचक' के रूप में जाना जाता था। 2008 में सिंह 'वोट के बदले नोट' कांड में भी काफी चर्चित रहे थे। इस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।
 
5. तरुण गोगोई : वर्ष 2001 से 2016 तक असम के मुख्‍यमंत्री रहे कांग्रेस नेता तरुण गोगोई का 23 नवंबर को निधन हो गया। गोगोई के राजनीतिक करियर की शुरुआत 1968 में हुई एवं 1971 में वे पांचवीं लोकसभा के लिए चुने गए। गोगोई 2001 टाटाबार विधानसभा से चुनाव जीते एवं पहली बार राज्य के मुख्‍यमंत्री बने। 
 
6. लालजी टंडन : उत्तर प्रदेश के दिग्गज भाजपा नेताओं में शुमार रहे लालजी टंडन का 21 जुलाई को निधन हुआ। मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद रहते हुए उन्होंने आखिरी सांस ली। टंडन ने अटलबिहारी वाजपेयी के बाद 2009 से 2014 तक लखनऊ संसदीय सीट का भी प्रतिनिधित्व किया। लालजी टंडन ने अटलजी की चरण पादुका लेकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1978 में विधान परिषद सदस्य के रूप में हुई थी। वे मंत्री रहने के साथ नेता प्रतिपक्ष भी रहे।
 
7. अजीत जोगी : भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अपनी प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर राजनीति में आए अजीत प्रमोद कुमार जोगी का 29 मई को निधन हो गया। नौकरशाह के तौर पर सीधी जिले में पदस्थापना के दौरान वे अर्जुन सिंह के संपर्क में आए थे। सिंह से मुलाकात और निकटता के चलते ही उनके राजनीति में आने की राह आसान हुई। मध्यप्रदेश के विभाजन के बाद बाद वे छत्तीसगढ़ के पहले मुख्‍यमंत्री बने। कांग्रेस से बगावत कर उन्होंने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नाम से नया दल भी बनाया, लेकिन उन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिली। 
 
8. चेतन चौहान : पूर्व क्रिकेट और भाजपा नेता चेतन चौहान का 16 अगस्त को कोरोना संक्रमण के चलते निधन हुआ। जिस समय चौहान का निधन हुआ, वे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री थे। नौगांवा विधानसभा सीट चुने गए चौहान 2 बार भाजपा का टिकट पर सांसद भी बने। चेतन चौहान ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 40 टेस्ट मैच खेले और 2084 रन बनाए। चौहान और सुनील गावस्कर की सलामी जोड़ी पूरी दुनिया में काफी विख्यात रही है।
 
9. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर : महाराष्ट्र के पूर्व मु्‍ख्यमंत्री शिवाजीराव निलंगेकर का निधन 5 अगस्त को हुआ। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले निलंगेकर 1962 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे और 1985 से 1986 के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे। 
 
10. हंसराज भारद्वाज : मनमोहन मंत्रिमंडल में कानून मंत्री रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हंसराज भारद्वाज का 8 मार्च को 83 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वे 5 साल तक कर्नाटक के राज्यपाल भी रहे थे। भारद्वाज सबसे पहले अप्रैल 1982 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। 
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