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Last Updated : मंगलवार, 5 जून 2018 (15:36 IST)

FIFA WC 2018: सऊदी की टीम के किसी भी खिलाड़ी के पास नही वर्ल्ड कप खेलने का अनुभव

FIFA WC 2018: सऊदी की टीम के किसी भी खिलाड़ी के पास नही वर्ल्ड कप खेलने का अनुभव - No player of the Saudi Arabia team has the experience of playing Fifa World Cup
2006 के बाद सऊदी अरब ने 32 टीमों में अपनी जगह बनाई है। फीफा विश्व कप में हिस्सा ले रही इस टीम का यह तक का सफर बहुत मुश्किल भरा रहा है। क्वालीफाइंग दौर में भी इसे उतार-चढ़ाव देखने पड़े थे। सऊदी अरब की टीम के तीन कोच पिछले एक साल में बदल चुके हैं, अब अपने नए कोच जुआन एंटोनियो पिज्जी के मार्गदर्शन में यह टीम कितना सफर तय करती है देखना दिलचस्प होगा।
 
 
सऊदी अरब के फैंस को नवाफ अल अबेद, फहद अल मुवल्लाद और ओसामा हवासवी से ख़ास उम्मीद हैं। हालांकि बीते कुछ मैचों में यह दिग्गज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए। बावजूद इसके उनसे धमाके की उम्मीद की जा सकती है। विश्व रैंकिंग में 67वें नंबर पर काबिज सऊदी अरब के कप्तान ओसामा हवसावी हैं। सऊदी अरब ने फीफा विश्व कप में पहली बार वर्ष 1994 में हिस्सा लिया था, जहां वह अंतिम-16 तक पहुंचा था। सऊदी अरब कुल 4 विश्व कप खेल चुका है, लेकिन कोई खिताब नही जीत सका है।
 
 
एशियन क्वालीफाइंग ग्रुप ‘बी' में जापान के बाद सऊदी टीम ने दूसरा स्थान हासिल किया था। यह टीम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पाई है। क्वालीफिकेशन दौर में टीम 4-3-3 की शैली के साथ मैदान में उतरी थी। सऊदी टीम का प्रदर्शन मिश्रित रहा है। 27 मार्च को बेल्जियम के खिलाफ करारी हार ने टीम को मुश्किल में डाला है। इससे पहले इराक से भी टीम को हार का सामना करना पड़ा था।
 
सऊदी अरब ने फीफा विश्व कप में पहली बार 1994 में हिस्सा लिया था जहां वह अंतिम-16 तक पहुंची थी। इसके बाद वह 1998, 2002 और 2006 में ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाई जबकि 2010 और 2014 में वह विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई थी।
 
 
सऊदी अरब के पास याहया अल शेहरी और स्ट्राइकर मोहम्मद अल सहलावी जैसे किसी भी टीम को टक्कर देने वाले खिलाड़ी मौजूद हैं। अल सहलावी की तेज किक और मूवमेंट उन्हें अपने देश का स्टार खिलाड़ी बनाता है। वे क्वालीफाइंग में संयुक्त रूप से शीर्ष स्कोरर रहे थे। इसके अलावा सलीम अल दवसारी और फहद अल मुवलाद से भी टीम को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद होगी।
 
 
सऊदी अरब टीम की सबसे बड़ी कमजोरी अनुभव की कमी है। इस टीम में किसी भी खिलाड़ी के पास विश्व कप में खेलने का अनुभव नहीं है। एशिया कप 2011 और 2015 में टीम का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा था। सऊदी अरब को मेजबान रूस, मिस्र और उरुग्वे के साथ ग्रुप ए में रखा गया है। वह मॉस्को में रूस के साथ अपना पहला मैच खेलेगा।
(फोटो साभार- ट्विटर)
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