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Last Updated : सोमवार, 13 दिसंबर 2021 (16:24 IST)

Mokshada Ekadash 2021 : मोक्षदा एकादशी व्रत रखने के 2 फायदे और जानिए पूजा विधि

Mokshada Ekadash 2021 : मोक्षदा एकादशी व्रत रखने के 2 फायदे और जानिए पूजा विधि - Mokshada ekadashi vrat vidhi
Mokshada Ekadash: मोक्षदा एकादशी का मतलब मोक्ष देने वाला एकदशी। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष के कृष्ण पक्ष में उत्पन्ना एवं शुक्‍ल पक्ष में मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार 14 दिसंबर मंगलवार को है मोक्षदा एकादशी।
 
 
मोक्षदा एकादशी व्रत रखने के फायदे :
1. द्वापर युग में इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में गीता ज्ञान दिया था। अत: इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। इस साल गीता जयंती की 5158वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।
 
2. मोक्षदा एकादशी मोक्ष देने वाली होती है। विधिवत इसका व्रत रखने से देवता और पितर तृप्त होते हैं।
 
3. मोक्षदा एकादशी के दिन व्रत रखकर गीता पाठ करना या श्रीकृष्ण की आराधना करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है और सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।
 
 
मोक्षदा एकादशी व्रत की पूजा विधि ( Mokshada ekadashi vrat vidhi ) :
 
1. मोक्षदा एकादशी का व्रत का प्रारंभ दशमी तिथि को दोपहर के भोजन के बाद ही शुरु हो जाता है। रात्रि का भोजन नहीं किया जाता है।
 
2. दूसरे दिन प्रात: काल उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लिया जाता है।
 
3. व्रत संकल्प के बाद भगवान विष्णु के साथ ही श्रीकृष्‍ण, महर्षि वेद व्यास और श्रीमद् भागवत गीता को पूजा स्थल पर एक अच्छे से पाट पर विधिवत रूप से स्थापित कर लें।
 
4. अब षोडशोपचार पूजन करें अर्थात 1. पाद्य 2. अर्घ्य 3. आचमन 4. स्नान 5. वस्त्र 6. आभूषण 7. गन्ध 8. पुष्प 9. धूप 10. दीप 11. नैवेद्य 12. आचमन 13. ताम्बूल 14. स्तवन पाठ 15. तर्पण और 16. नमस्कार करें। इसी तरह से रात्रि में भी पूजा और जागरण करें।
 
5. दूसरे दिन पूजन और पारण के बाद जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन और दान-दक्षिणा दें और उसके बाद भोजन ग्रहण करें।
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