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Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 11 नवंबर 2024 (18:28 IST)

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन करना चाहिए ये 9 अचूक उपाय, होगी धन की वर्षा

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन करना चाहिए ये 9 अचूक उपाय, होगी धन की वर्षा - Kartik purnima ke achuk upay
Dev Diwali 2024: कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाते हैं परंतु कुछ लोग परंपरा से एकादशी के दिन ही देव दिवाली मना लेते हैं। देव दिवाली का पर्व इस बार 15 नवंबर 2024 शुक्रवार के दिन रहेगा। कार्तिक मास पूर्णिमा पर दीपदान और स्नान का बहुत महत्व है। इस दिन यदि आपने ज्योतिष के 9 उपाय कर लिए तो आप मालामाल हो जाएंगे।ALSO READ: Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर यदि कर लिए ये 10 काम तो पूरा वर्ष रहेगा शुभ
 
1. दीपदान: मान्यताओं के अनुसार देव दीपावली के दिन सभी देवता गंगा नदी के घाट पर आकर दीप जलाकर अपनी प्रसन्नता को दर्शाते हैं। इसीलिए दीपदान का बहुत ही महत्व है। इस दिन नदी में आटे के दीपक बहाने से पितृदोष दूर होता है और माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। 
 
2. दान और व्रत: इस दिन अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हो वह करें। कहते हैं कि दान करने से दस यज्ञों के समान फल मिलूता है। इस दिन अपनी बहन, भानजे, बुआ के बेटे, मामा को भी दान स्वरूप कुछ न कुछ दान देने से घर में धन-सम्पदा बनी रहती है। गरीबों को चावल का दान देने से चंद्र ग्रह शुभ होता है। इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण, चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है।
3. जल और पीपल पूजा: इस दिन जल में श्रीहरि विष्णु का और पीपल में मां लक्ष्मी का निवास रहता है। इसीलिए नदी की पूजा और आरती करना चाहिए और साथ ही पीपल के वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाकर उसकी 11 परिक्रमा करना चाहिए। तुलसी और छः तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन, श्रीहरि विष्णु, शिव, देवी लक्ष्मी और शालिग्राम का पूजन होता है।ALSO READ: Dev Diwali 2024: देव दिवाली पर कब, कहां और कितने दीपक जलाएं?
 
4. मां लक्ष्मी को लगाएं भोग : इस दिन खीर में मिश्री और गंगाजल मिलाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाएंगे तो माता प्रसन्न होंगी।
 
5. रंगोली बनाएं: इस दिन घर के बाहर और भीतर रंगोली बनाएं और चारों ओर दीपक जलाएं। इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी।
 
6. छः तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन: इस दिन चन्द्रोदय के समय शिवा, सम्भूति, प्रीति, संतति अनसूया और क्षमा इन छः तपस्विनी कृतिकाओं का पूजन करें क्योंकि ये स्वामी कार्तिक की माता हैं और कार्तिकेय, खड्गी, वरुण हुताशन और सशूक ये सायंकाल में द्वार के ऊपर शोभित करने योग्य है। अतः इनका धूप-दीप, नैवेद्य द्वारा विधिवत पूजन करने से शौर्य, बल, धैर्य आदि गुणों में वृद्धि होती है। साथ ही धन-धान्य में भी वृद्धि होती है।
 
7. तुलसी पूजा: इस दिन में शालिग्राम के साथ ही तुलसी की पूजा, सेवन और सेवा करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है। इस कार्तिक माह में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया है। इस दिन तीर्थ पूजा, गंगा पूजा, विष्णु पूजा, लक्ष्मी पूजा और यज्ञ एवं हवन का भी बहुत ही महत्व है। अतः इसमें किए हुए स्नान, दान, होम, यज्ञ और उपासना आदि का अनंत फल होता है। इस दिन तुलसी के सामने दीपक जरूर जलाएं जिससे आपके मनोरथ पूर्ण हो और दरिद्रता दूर हो।
 
8. पूर्णिमा का व्रत: इस दिन व्रत का भी बहुत ही महत्व है। इस दिन उपवास करके भगवान का स्मरण, चिंतन करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है तथा सूर्यलोक की प्राप्ति होती है। कार्तिकी पूर्णिमा से प्रारम्भ करके प्रत्येक पूर्णिमा को रात्रि में व्रत और जागरण करने से सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद कार्तिक व्रत पूर्ण होते हैं। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा से एक वर्ष तक पूर्णिमा व्रत का संकल्प लेकर प्रत्येक पूर्णिमा को स्नान दान आदि पवित्र कर्मों के साथ श्री सत्यनारायण कथा का श्रवण करने का अनुष्ठान भी प्रारंभ होता है।
 
9. दान का फल: इस दिन दानादिका दस यज्ञों के समान फल होता है। इस दिन में दान का भी बहुत ही ज्यदा महत्व होता है। अपनी क्षमता अनुसार अन्न दान, वस्त्र दान और अन्य जो भी दान कर सकते हो वह करें। इससे घर परिवार में धन- समृद्धि और बरकत बनी रहती है।