atal bihari vajpaee punyatithi
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अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में जानें।
भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख थे अटल बिहारी वाजपेयी।
16 अगस्त अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि।
Atal Bihari Vajpayee: 16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि मनाई जा रही है। आइए जानते हैं यहां उनके बारे में 10 खास बातें...
1. तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। उनके पिता कृष्णबिहारी वाजपेयी हिन्दी व ब्रज भाषा के सिद्धहस्त कवि तथा एक स्कूल शिक्षक थे। अत: काव्य लिखने की कला अटल जी को विरासत में मिली थी।
2. अपने छात्र जीवन के दौरान वे पहली बार राजनीति में तब आए जब उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। वह राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। 1951 में भारतीय जनसंघ में शामिल होने के बाद उन्होंने पत्रकारिता छोड़ दी। आज की भारतीय जनता पार्टी को पहले जनसंघ के नाम से जाना जाता था।
3. वाजपेयी जी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे। वह लोकसभा में नौ बार और राज्यसभा में दो बार चुने गए जो कि अपने आप में ही एक कीर्तिमान है। वाजपेयी 1980 में गठित भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे। वाजपेयी जी अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे।
4. 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। वे 1996 में बहुत कम समय के लिए प्रधानमंत्री बने थे। इसके अलावा विदेश मंत्री, संसद की विभिन्न महत्वपूर्ण स्थायी समितियों के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता के रूप में उन्होंने आजादी के बाद भारत की घरेलू और विदेश नीति को आकार देने में एक सक्रिय भूमिका निभाई।
5. वाजपेयी के नेतृत्व में भारत ने वर्ष 1998 में परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों से बिना डरे राजस्थान के पोखरण में द्वितीय परमाणु परीक्षण किया और इसकी अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए को भनक तक नहीं लग पाई।
6. अटल जी नेहरू व इंदिरा गांधी के बाद सबसे लंबे समय तक गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भी रहे। अटल ही पहले विदेश मंत्री थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया था।
7. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी में कई खूबियां थी। वे अपनी पार्टी का नेता हो या विरोधी पार्टी का, सबको साथ लेकर चलने की खूबी उन्हें दूसरे नेताओं से अलग करती थी। यही कारण था कि उन्हें अजातशत्रु भी कहा जाता था।
8. अटल जी को भारत के प्रति निस्वार्थ समर्पण और समाज की सेवा के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। 1994 में उन्हें भारत का सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना गया। इनके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कार, सम्मान और उपाधियों से नवाजा गया। आजीवन अविवाहित रहे अटलजी को अटलजी को 2015 में सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख रहे वाजपेयी जी ने अपना करियर एक पत्रकार के रूप में शुरू किया था और राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन का संपादन किया।
9. अटल बिहारी वाजपेयी जी एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता, नि:स्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, सशक्त वक्ता, कवि, साहित्यकार, प्रखर राजनीतिज्ञ, पत्रकार और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। भाजपा में एक उदार चेहरे के रूप में अटल बिहारी वाजपेयी जी की पहचान थी। आजीवन अविवाहित रहने के उनके संकल्प के कारण उन्हें भीष्म पितामह भी कहा जाता है।
10. किडनी संक्रमण और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अटल बिहारी वाजपेयी जी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान/ एम्स में भर्ती किया गया, जहां उनका लंबे समय तक उपचार चला और 93 वर्ष की उम्र में 16 अगस्त 2018 को उनका निधन हो गया था।
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