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Last Modified: शनिवार, 29 मई 2021 (23:07 IST)

Corona से अनाथ हुए बच्चों के लिए 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' शुरू

Corona से अनाथ हुए बच्चों के लिए 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' शुरू - Uttar Pradesh Chief Minister Bal Seva Yojana launched
लखनऊ। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता खो चुके बच्चों के लालन-पालन, शिक्षा-दीक्षा सहित उनके विकास के सभी संसाधन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' की शुरुआत की।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चे, जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता अथवा उनमें से एक ही जीवित थे और उन्हें भी या विधिक अभिभावक को खो दिया है, तो उनकी समुचित देखभाल राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।

उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों को जीवन में उन्नति के सभी अवसर उपलब्ध हो सकें, इसके लिए राज्य सरकार सभी जरूरी प्रबन्ध करने के लिए तत्पर है और इसी उद्देश्य से 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' की शुरूआत की जा रही है।

सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 197 ऐसे बच्चे हैं जिन्होंने कोविड-19 की वजह से अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है। वहीं 1799 ऐसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता में से किसी एक का निधन हुआ है, लेकिन ऐसे बच्चों की जांच की जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि उनके माता या पिता की आर्थिक स्थिति कैसी है।

प्रवक्ता के मुताबिक उत्तर प्रदेश में करीब एक हजार ऐसे बच्चे होंगे जिन्हें ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के तहत सहायता मिलेगी। प्रवक्ता के मुताबिक इस योजना के तहत बच्चे के वयस्क होने तक उनके अभिभावक अथवा देखभाल करने वाले को 4,000 रुपए प्रति माह की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
दस वर्ष की आयु से कम उम्र के ऐसे बच्चे जिनका कोई अभिभावक अथवा परिवार नहीं है, ऐसे सभी बच्चों को प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार की सहायता से अथवा अपने संसाधनों से संचालित राजकीय बाल गृह (शिशु) में देखभाल की जाएगी। बता दें कि मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा एवं रामपुर में राजकीय बाल गृह (शिशु) संचालित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनाथ हुईं अवयस्क बालिकाओं की देखभाल सुनिश्चित की जाएगी, उन्हें भारत सरकार द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (आवासीय) में अथवा प्रदेश सरकार द्वारा संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) में रखा जाएगा। जहां इनकी देखभाल और शिक्षा-दीक्षा के प्रबंध होंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 13 ऐसे बाल गृह संचालित हैं। इसके अलावा, सुविधानुसार उन्हें प्रदेश में स्थापित किए जा रहे 18 अटल आवासीय विद्यालयों में रखकर उनकी देखभाल की जाएगी।
प्रवक्ता के मुताबिक मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि बालिकाओं के विवाह की समुचित व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार बालिकाओं की शादी हेतु 1,01,000 रुपए की राशि उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया कि स्कूल अथवा कॉलेज में पढ़ रहे अथवा व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण कर रहे ऐसे सभी बच्चों को टैबलेट/लैपटॉप की सुविधा सरकार उपलब्ध कराएगी।(भाषा)
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