कोविड त्रासदी के बीच ‘रामकृष्ण मिशन आश्रम’ ने उठाया बच्चों के भविष्य का जिम्मा, बच्चों को बांटे डिजिटल नोटबुक
दुनिया में पसरी कोराना की त्रासदी ने जिंदगी के हर पहलू को प्रभावित किया है। ऐसे में बच्चों की एजुकेशन पर भी असर पड़ा है। कई महीनों तक स्कूल- कॉलेज और कोचिंग क्लासेस सब बंद पड़े रहे, ऐसे में ऑनलाइन क्लासेस ही एकमात्र सहारा रह गया था। लेकिन ऑनलाइन एजुकेशन या क्लासेस का यह नया कॉन्सेप्ट ऐसे वर्ग के लिए बेहद मुश्किल साबित हो रहा है, जिनके पास इंटरनेट, लैपटॉप या स्मार्ट फोन नहीं है।
ऐसे में सामाजिक संस्थाएं ऐसे बच्चों के लिए वरदान बनकर सामने आ रही हैं। ऐसा ही एक नाम है रामकृष्ण मिशन। कोविड-19 के दौर में मिशन का यह काम और सेवा भाव गरीब वर्ग के बच्चों के लिए खुशियां और भविष्य की संभावनाएं लेकर आया है।
दिल्ली में पहाड़गंज क्षेत्र में स्थित रामकृष्ण मिशन आश्रम की तरफ से वहां के छात्र-छात्राओं को 26 डिजिटल नोटबुक वितरित किए। इसके साथ एक साल के लिए वैध प्री-प्रेड सिम कार्ड दिए। जिससे कि वे अपनी ऑनलाइन क्लासेस अटेंड कर सकें। इन सभी डिजिटल नोटबुक की कीमत करीब 2 लाख 60 हजार है।
इसके साथ ही आश्रम के टीबी और मेडिकल सेंटर करोल बाग की तरफ से गरीब बच्चों को कंबल भी बांटे जा रहे हैं।
दिल्ली के रामकृष्ण आश्रम के सेक्रेटरी
स्वामी शांतत्मानंद ने इस बारे में बताया-
कोविड पेंडेमिक ने अमीर और गरीब के बीच एक बड़ी खाई पैदा कर दी है। इसमें खासतौर से गरीब वर्ग के बच्चों को पढ़ाई में बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए मिशन की कई शाखाओं की तरफ से रिलीफ वर्क चलाया जा रहा है। इसमें विदेश में स्थित आश्रम की कई शाखाएं भी शामिल हैं। स्वामी जी ने बताया कि दिल्ली आश्रम की तरफ से जल्दी ही 60 लैनेवो डिजिटल टेबलेट वितरण करने का भी निर्णय लिया गया है।
बता दें कि भारत में ही रामकृष्ण मिशन आश्रम के 200 से ज्यादा सेंटर हैं, वहीं विदेशों में भी आश्रम संचालित हो रहे हैं। आश्रम का मिशन ईश्वर के साथ ही मानव की सेवाभक्ति करना भी है। यह जानकारी रामकृष्ण मिशन से जुडीं माधवी श्री की तरफ से दी गई।